रिकांगपिओ 25 अगस्त, (प्रवेश फरण्ड)
किन्नौर जिला के करच्छम स्थित जे.एस.डब्ल्यू बांध परिसर में आज भूकंप की बनावटी आपदा को लेकर एक पूर्वाभ्यास (माॅक ड्रील) का आयोजन किया गया जिसमें भटिंडा स्थित एन.डी.आर.एफ बटालियन के जवानों, सेना, आई.टी.बी.पी, सी.आई.एस.एफ, होमगार्ड, पुलिस, अग्निशमन, डी.डी.एम.ए व जे.एस.डब्ल्यू क्यू.आर.टी के जवानों द्वारा भाग लिया गया।
सहायक आयुक्त किन्नौर मुनीष कुमार ने कहा कि किन्नौर जिला के लिए इस प्रकार का पूर्वाभ्यास बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जिले में वर्तमान में लगभग छोटी-बड़ी 20 जल विद्युत परियोजनाएं क्रियाशील हंै तथा लगभग 4000 मेगावाट की बिजली का उत्पादान यहां हो रहा है और कई परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास से हम भविष्य में होने वाली आपदाओं से सही प्रकार से निपटने में सक्षम हो सकते हैं। इस तरह के पूर्वाभ्यास से विभिन्न एजेंसियों में आपसी समन्वय भी स्थापित होता है तथा सभी को बहुत कुछ सिखने का भी सुअवसर प्राप्त होता है। ऐसे पूर्वाभ्यास आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने एन.डी.आर.एफ, जे.एस.डब्लयू प्रबंधन व अन्य एजेंसियों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस पूर्वाभ्यास को सफल बनाने में सहयोग दिया।
पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य भूकंप आपदा के समय किस तरह से निपटा जाए ताकि जान-माल का कम से कम नुकसान हो। इस बारे आपदा में लगे विभिन्न विभागों, संस्थानों में आपसी सांमजस्य व समन्वय से कार्य करने बारे जागरूक करना था। 11ः35 बजे आरंभ हुए पूर्वाभ्यास में स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलती है कि जिले में भूकंप आया है जिसका असर करच्छम स्थित बांध पर पड़ा है। भूकंप के कारण जहां एक भवन क्षतिग्रस्त हुआ है जिसमें 4 लोग अंदर फस गए हैं और भूकंप के कारण आग भी लगी है और साथ ही बांध को भी नुकसान हुआ है जिससे बाढ़ वाली स्थिति बन गई है।
एन.डी.आर.एफ के दल द्वारा सर्वप्रथम अपने जवानों को रस्से के सहारे घटनास्थल पर पहुंचाया गया जहां पर भवन के अंदर फसे व्यक्तियों संबंधी जानकारी जे.एस.डब्लयू प्रबंधन से ली गई। उसके बाद भवन में फसे लोगों को बाहर निकालने की रणनीति बनाकर पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान एन.डी.आर.एफ के जवानों द्वारा भवन की दीवार को काटकर अंदर प्रवेश किया गया और अंदर फसे व्यक्तियों को बाहर लाया गया और यह भी बताया गया कि किस तरह व किस प्रकार के स्ट्रैचर पर घायलों को लाया जाता है। इस कार्य में आई.टी.बी.पी, सेना, सी.आई.एस.एफ के जवानों की भी सहायता ली गई जिसका मुख्य उद्देश्य यह दर्शाना था कि ऐसे समय में विभिन्न एजेंसियों में आपसी समन्वय होना आवश्यक है ताकि दुर्घटना से सही प्रकार से निपटा जा सके।
बाहर निकाले गए व्यक्तियों को किस प्रकार प्राथमिक चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जाती है इसका भी पूर्वाभ्यास किया गया कि किस तरह गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को रोगी वाहन के माध्यम से बाहर भेजा जाता है। यही नहीं इस दौरान बनावटी आग की स्थिति को भी दर्शाया गया जिस पर स्थानीय अग्निशमन के कर्मचारियों द्वारा जल्द ही काबू पाया गया व आग से होने वाले नुकसान को कम से कम स्तर तक पहुंचाया गया। भूकंप के बाद बांध को हुए नुकसान से बाढ़ की स्थिति बन गई व बाढ़ में फसे व्यक्तियों को भी बोट के माध्यम से निकाला गया तथा उन्हें भी प्राथमिक चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई गई।
एन.डी.आर.एफ के सहायक कमांडेन्ट देवेंद्र व कल्लू ने बताया कि इस पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा के समय विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय से राहत व बचाव कार्य किस प्रकार किया जाता है यह बताना था। उनका कहना था कि इस तरह के पूर्वाभ्यास से हमें विभिन्न आपदाओं से किस प्रकार निपटा जाता है कि जानकारी भी हासिल होती है क्योंकि आपदा को रोकना असंभव है परंतु आपदा से होने वाले नुकसान को सही प्रकार से राहत व बचाव कार्य चलाकर कम किया जा सकता है।
एन.डी.आर.एफ के इंसपैक्टर कल्लू ने बनावटी आपदा की कार्यवाही का संचालन किया।
इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, एन.डी.आर.एफ के सहायक कमान्डेन्ट देवेंद्र, एन.डी.आर.एफ के नवनीत यादव, आई.टी.बी.पी के उप-कमान्डेन्ट सुनिल कुमार, पलिस उपाध्यक्ष निचार राजू, जे.एस.डब्ल्यू के सुरक्षा अधिकारी बांध नितिन गुप्ता, सेना, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन व डी.डी.एम.ए सहित लगभग 250 जवानों व स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
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