स्लम एरिया के बच्चों के लिए अपने कामकाज की जगह पर 15 दिनों का ट्रैनिंग सेशन शुरू किया
चंडीगढ़, 30 जुलाई, 2016: सिर्फ 23 साल के इंजीनियर के लिए अपने कोई अच्छी नौकरी हासिल करना अधिक मुश्किल नहीं था, पर इसकी बजाए उसने दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की सोची। आज अपने आप को एक उद्यमी के तौर पर स्थापित करने के साथ ही वे देश की शिक्षा प्रणाली में एक बदलाव लाते हुए अधिक से अधिक उद्यमियों को तैयार करना चाहते हैं।
अक्षय आहुजा ने बीते साल एक रोबोटिक्स ट्रैनिंग स्टार्टअप के साथ शुरुआत की और अब वे स्लम एरिया के बच्चों को भी स्टार्टअप कल्चर का अनुभव प्रदान करना चाहते हैं। इस युवा उद्यमी के इस अद्वितीय प्रयास को आज चंडीगढ़ मेट्रो के साथ सहभागिता में प्रस्तुत किया, जिसमें ट्राईसिटी के 70 स्लम बच्चों को शामिल किया गया है और उन्हें स्टार्टअप कल्चर के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। इस ट्रैनिंग सेशन को यहां पर नए खोले गए इनोवेट (ढ्ढहृहृह्रङ्क८), एक को-वर्किंग एरिया, जिसे इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 में शुरू किया गया है, में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को यहां पर एक वर्कशॉप के तौर पर प्रस्तुत किया गया है, जिसमें स्लम एरिया के बच्चों को प्रत्येक 15 दिनों बाद, महीने में दो बार ट्रैनिंग प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इस को-वर्किंग स्पेस से पहले कई सारे नए स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं।
इसमें सहभागिता करने वाले बच्चों को एक रेडियो कैब में यहां लाया जाता है और उन्हें एक उद्यमी होने का अहसास दिया जाता है और उन्हें डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन के उपयोग की ट्रैनिंग भी दी गई। सेशन की शुरुआत के पहले दिन उन्हें रोबोटिक्स के बेसिक्स के बारे में बताया गया। उन्हें इस वर्कशॉप में सहभागिता के लिए प्रमाणपत्र भी दिए गए।
चंडीगढ़ स्थित रोबोचैम्पस द्वारा प्रशिक्षित और शहर के एक स्कूल में कक्षा 8 के स्टूडेंट तुषार सरीन, जो कि अब स्लम एरिया के बच्चों को पढ़ाना और सिखाना चाहता है, भी इस ट्रैनिंग मॉड्यूल का हिस्सा है, जिसे रोबोचैम्पस के स्टाफ द्वारा भी मदद की जा रही है। इस पूरे कार्यक्रम के मेंटर अक्षय आहुजा हैं जो कि रोबोचैम्पस के संस्थापक हैं।
रोबोचैम्पस, रोबोटिक्स एजुकेशन वल्र्ड की एक सहयोगी कंपनी है जिसे अक्षय आहुजा द्वारा संचालित किया जा रहा है और ये भारत में स्कूलिंग एजुकेशन के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को रोबोटिक्स और तकनीक आधारित शिक्षा प्रदान करने में कार्यरत है।
श्री विवेक अत्रे, आईएएस, लेखक और मेंटर, ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘समाज के लिए ये बेहद महत्वपूण है कि सुविधाओं से वंचित वर्गों के बच्चों को भी अपनी क्षमताओं का भरपूर दोहन करते हुए जिंदगी में कुछ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ’’
अक्षय आहुजा, डायरेक्टर, रोबोटिक्स एजुकेशन वल्र्ड ने कहा कि ‘‘एक तरफ आर्थिक तौर पर सक्षम अधिकांश परिवार अपने बच्चों के लिए बेहतरीन शिक्षा का प्रबंध करने में सक्षम हैं, वहीं इस अद्वितीय प्रयास के माध्यम से ट्राईसिटी के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों के चेहरों पर भी मुस्कान लाने का प्रयास किया गया है। मैं हमेशा महसूस करता हूं कि शिक्षा सभी के लिए है, फिर चाहे उसका सामाजिक स्तर कोई भी क्यों ना हो। एक स्टार्टअप से शुरुआत करने के साथ ही मुझे ये अहसास होता है कि सुविधाओं से वंचित ये बच्चे, जिनको अच्छी शिक्षा भी नहीं मिली है, को अच्छी तरह से ट्रैनिंग दिए जाने की जरूरत है। किसको पता कि इनमें से ही कोई कल को मेरी तरह से एक उद्यमी बन कर अपनी जिंदगी को सफल बना ले।’’
उन्होंंने कहा कि ‘‘हम नहीं चाहते कि ये ज्ञान सिर्फ निजी और सरकारी स्कूलों तक ही सीमित रहे बल्कि हम इस कॉन्सेप्ट को स्लम एरिया भी प्रस्तुत करना चाहते हैं। हमने सेक्टर 79 में रहने वाले एक बच्चे आकाश पर एक पायलट प्रोजेक्ट किया था जो कि आज अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए अच्छा कमाने में सक्षम हो गया है। इस अभियान में हम स्किल इंडिया को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसे हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया है। ’’
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