Chandigarh : 30th Sept. 2016 : धूरी के रहने वाले इंजीनियर आशीष गोयल को 20 अगस्त को धूरी में ही रहने वाले चरणदास गोयल उर्फ दारा ने कार से कुचलकर जान से मारने की कोशिश की, लेकिन आशीष किसी तरह बच गए और गंभीर रूप से जख्मी हो गए। वे करीब एक हफ्ते तक लुधियाना के डीएमसी में दाखिल रहे। इस हमले को लेकर उन्होंने धूरी के थाना सिटी में शिकायत दी, जिस पर चरणदास गोयल उर्फ दारा के खिलाफ धारा 307, 23 और 25 के तहत केस दर्ज किया गया, लेकिन एक महीना गुजरने के बावजूद पुलिस ने दारा को न गिरफ्तार किया और न ही उसे पकड़ने की कोशिश की। जबकि दारा शहर में ही सरेआम घूमता है और आशीष को दोबारा जान से मारने की धमकियां दे रहा है।
पुलिस बना रही है समझौते का दबाव
आशीष ने आरोप लगाया कि थाना सिटी के एसएचओ हरजिंदर सिंह अब उन पर दबाव बना रहे हैं कि केस वापस ले लो, नहीं तो तुम पर या तुम्हारी फैमिली के किसी सदस्य पर कोई झूठा केस दर्ज करवा देंगे। इसके अलावा केस के गवाह को भी धमकाया जा रहा है।
पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर आशीष गोयल ने डीएसपी सतपाल शर्मा, एसएसपी संगरूर प्रितपाल सिंह थिंड और डीआईजी पटियाला रेंज बलकार सिंह सिद्धू को शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर, आरोपी चरणदास गोयल ने भी एफआईआर कैंसिल करवाने के लिए एसएसपी को एप्लीकेशन दी है, जिसके सहारे पुलिस उसे क्लीनचिट देने की तैयारी में है।
बड़े अफसरों को शिकायत देने पर भी नहीं हुआ फायदा
डीआईजी, एसएसपी, डीएसपी और एसएचओ के खिलाफ दी शिकायत
शिकायतों पर कार्रवाई न होने पर आशीष ने डीआईजी बलकार सिंह सिद्धू, एसएसपी संगरूर, डीएसपी और एसएचओ हरजिंदर सिंह के खिलाफ डीजीपी सुरेश अरोड़ा को भी शिकायत दी, लेकिन इन अफसरों पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आशीष का कहना है कि अभी भी उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। अगर भविष्य में उसे या उसके परिवार के किसी सदस्य को कोई जानी नुकसान होता है तो उसके जिम्मेदार चरणदास के अलावा पुलिस के ये सभी अफसर होंगे। आशीष ने कहा कि इस सबके पीछे स्टेट लेवल का एक बड़ा बिजनेसमैन भी शामिल है।
राष्ट्रपति से मांगी आत्महत्या की मंजूरी
आशीष ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस बारे में शिकायत भेजकर आरोपी चरणदास के अलावा उसका साथ दे रहे पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। आशीष ने शिकायत में कहा है कि चरणदास और सभी पुलिस अफसर मिलकर उसे मरवा देना चाहते हैं। इन लोगों के हाथों मरने से तो अच्छा है कि वह खुद ही आत्महत्या कर ले। इसलिए उसने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि या तो चरणदास और आरोपी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की जाए या उसे आत्महत्या करने की मंजूरी दी जाए।
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