चण्डीगढ़, 13 अक्तूबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश में कामकाजी Coverहैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस संबंध में 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने के भी निर्देश दिए ।
मुख्यमंत्री, जो आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि महिलाओं में इन होस्टलों के बारे जागरूकता उत्पन्न की जाए ताकि अधिक से अधिक कामकाजी महिलाएं इन होस्टलों का लाभ उठा सकें। इस समय प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे 16 होस्टल संचालित हैं। 
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को पायलट आधार पर एक छोटे जिले की पहचान करने और प्रदेश के स्वर्ण जयन्ती वर्ष में उस जिले को बाल श्रम के प्रकोप से मुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों को मजदूरी के लिए मजबूर करने वाले कारणों का पता लगाने हेतु जिले में सर्वेक्षण करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आपसी बातचीत से घरेलू हिंसा के मामलों को सुलझाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने मुख्यमंत्री को बताया कि महिलाओं के विभिन्न मुद्दों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने के लिए राज्य के सभी जिलों में संरक्षण अधिकारी(पीओ) नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने संबंधित पुलिस थानों को इन पीओज़ के लिए अलग से  बैठने की व्यवस्था करने को लिखा है ताकि महिलाएं आसानी से अपनी शिकायतें उन तक पहुंचा सकें। मुख्यमंत्री ने इस कार्य को और प्रभावी बनाने के लिए इस प्रक्रिया में क्षेत्र की समाज सेवी प्रमुख महिलाओं, अधिवक्ताओं एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों को शामिल करने के भी निर्देश दिए। 
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा क्रियान्वित पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अन्य खाद्य पदार्थों के साथ-साथ ताजा दूध उपलब्ध करवाने का भी सुझाव दिया ताकि उनके आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सके। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर उन के पास भेजने के निर्देश दिए। राज्य में लगभग 26,000 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। उन्होंने विभाग द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के कल्याणार्थ क्रियान्वित की जा रही सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न कल्याण योजनाओं के सभी लाभानुभोगियों को आधार से जोड़ा जाना सुनिश्चिित करने के भी  निर्देश दिए। 
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’, ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’, ‘किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए सबला योजना’ और ‘किशोरी शक्ति योजना’ जैसी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने विभाग की ‘‘हरियाणा में लड़कियों एवं महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाएं’’ नामक एक पुस्तक भी जारी की। 
श्रीमती कविता जैन ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 24 लाख लाभानुभोगियों में से 22 लाख लाभानुभोगियों को आधार से जोड़ा जा चुका है और शेष दो लाख लाभानुभोगियों को शीघ्र ही आधार से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार राज्य पोषाहार आयोग की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि हिंसा पीडि़त महिलाओं को सहायता एवं सहयोग उपलब्ध करवाने के मद्देनजर करनाल में अपनी तरह का एक पहला वन स्टेप सेंटर स्थापित किया गया है। अब केन्द्र सरकार ने राज्य में ऐसे छ: और केन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के.महापात्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी श्री नीरज दफ्तौर, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती रेणु एस.फुलिया तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे। 

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