दोनों पार्टियों पर व्यक्तिगत हित पूरे करने हेतु सिख भावनाओं का शोषण करने का आरोप लगाया
चंडीगढ़, 2 नवंबर: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों पर आंखें रखे बैठे आम आदमी पार्टी व शिरोमणि अकाली दल द्वारा 1984 दंगों का मुद्दा उठाकर सिखों की भावनाओं का शोषण किए जाने की निंदा की है।
प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष ने कहा कि बीते 10 सालों से पंजाब में अकाली सत्तापक्ष में हैं, जबकि आप बीते दो सालों से दिल्ली की सत्ता में है। लेकिन दोनों पार्टियों को पंजाब में चुनाव नजदीक आने तक यह मुद्दा याद नहीं आया था।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि अकालियों का सिर्फ चुनावों के वक्त यह मुद्दा उठाने के बाद चुनाव खत्म होते ही इसे भूल जाने का इतिहास रहा है। जबकि आप द्वारा अपने विशेष हितों के लिए अवसरों की सनसनी बनाने के रिकॉर्ड बनाने ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि 1984 के दंगे सिख इतिहास का काला दौर हैं। उन्होंने भी उक्त मुद्दे पर संसद व कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब वक्त पंजाब के लिए आगे बढऩे का है।
प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा कि पंजाब के लोग अन्य कई अहम चिंताओं का सामना कर रहे हैं, जिन्हें अकाली इन सालों के दौरान हल करने में नाकाम रहे हैं और आप बिल्कुल ही अनजान प्रतीत होती है।
उन्होंने कहा कि पंजाब आज बेरोजगारी से लेकर नशाखोरी, उद्योगों व आर्थिक विकास के पत्न, कृषि के बुरे हालातों आदि, बहुत सारी गंभीर समस्याओं से घिरा हुआ है। लेकिन फिर भी ये सभी पार्टियां उस एक मुद्दे पर बात करना चाहती हैं, जो आज लोगों के लिए बिल्कुल भी मायने नहीं रखता।
इस क्रम में आप द्वारा मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तीन माह के भीतर सिख विरोधी दंगों के मामले में दोबारा खोले जाने की मांग को पूरी तरह से अवसरवादिता करार देते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी यदि ईमानदार होती, तो उसे यह मामला उठाने के लिए पंजाब में चुनाव नजदीक आने का इंतजार न करना पड़ता।
जबकि अकालियों बारे प्रदेश कांग्रेस प्रधान ने कहा कि पंजाब की सत्ता में आने के बाद इनके द्वारा किए गए अत्याचारों के मद्देनजर ये दूसरी पार्टियों को बदनाम करने के लिए सभी नैतिक व सियासी अधिकार खो चुके हैं।
आप्रेशन ब्लूस्टार के धुरविरोधी रहे कैप्टन अमरेन्द्र, जिसका अंत सिख विरोधी दंगों के रूप में हुआ था, ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रही सभी पार्टियों का फर्ज बनता है कि वे पंजाब के लोगों की जिंदगियों पर असर डाल रहे मुद्दे उठाएं, जो लोगों की समस्याओं का हल निकालने से मुंह मोड़ते दिख रहे हैं।
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