चंडीगढ़, 2 नवंबर: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर पंजाब के लोगों के हित बेचकर अब घडिय़ाली आंसु बहाने का आरोप लगाया है।
इस क्रम में मंगलवार को अमृतसर में पंजाबी सूबे की गोल्डन जुबली के जश्र के अवसर पर बादल की नोटंकी पर बरसते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके घडिय़ाली आंसु पंजाब के लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि सारे एस.वाई.एल विवाद के दौरान पंजाब के लोगों को धोखा देने के बाद विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख बादल अब मुद्दे पर दोहरी बातें करने का पाखंड कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेसाध्यक्ष ने अकाली नेता पर बेशर्मीपूर्वक मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा उक्त विवाद पर अब पेश किया जा रहा पक्ष, बादल के पिछले गुनाहों से पूरी तरह विपरीत है।
कैप्टन अमरेन्द्र ने जोर देते हुए कहा कि पंजाब की अकाली सरकार ही एस.वाई.एल के मुद्दे पर राज्य को बैकफुट पर धकेलने के लिए जिम्मेदार है। जिन्होंने दस्तावेजी सबूत पेश करके बादल को पंजाब के हित बेचने का गुनाहगार ठहराया है।
बादल पर मुद्दे पर गंदी सियासत खेलने का आरोप लगाते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि उन्होंने 20 फरवरी, 1978 को अधिसूचना के जरिए एस.वाई.एल के निर्माण हेतु पंजाब में जमीन अधिग्रहण की थी और हरियाणा से पैसे लिए थे, जो लंबे वक्त से उक्त मुद्दे पर पंजाब का पक्ष कमजोर करते आ रहे हैं।
कैप्टन अमरेन्द्र ने खुलासा किया कि बादल ने एस.वाई.एल के जरिए जमीन हासिल करने हेतु 20 फरवरी, 1978 को भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 4 के तहत अधिसूचना नं. 113/5/एस.वाई.एल व 121/5/एस.वाई.एल जारी किए थे। जिनके साथ भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
इसी तरह, बादल ने हरियाणा सरकार को पत्र नं. 7/78-आई.डब्ल्यू (आई)-78/23617 लिखकर 3 करोड़ रुपए की अदायगी की मांग की थी, जो इस उद्देश्य के लिए 2 करोड़ रुपए पहले ही ले चुके थे। यह सब बादल व हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवी लाल के मध्य समझौते के तहत तय हुआ था कि हरियाणा पंजाब को 5 करोड़ रुपए अदा करेगा।
प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष ने खुलासा किया कि देवी लाल द्वारा 1 मार्च,1978 (रिकॉर्ड अटैच है) को हरियाणा विधानसभा में उक्त समझौते की पुष्टि की थी, जहां उन्होंने गर्व से दावा किया था कि बादल के साथ उनके व्यक्तिगत संबंधों के चलते वह उनको (बादल) एस.वाई.एल पर भूमि अधिग्रहण के लिए सहमत कर सके हैं। कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि स्पष्टतौर पर देवी लाल के साथ व्यक्तिगत संबंधों के चलते बादल ने पंजाब के हितों को दाव पर लगा दिया था।
पंजाब कांग्रेस प्रधान ने कहा कि बादल ने अपने मित्र देवी लाल को खुश करने के लिए न सिर्फ जमीन अधिग्रहण की, बल्कि एक समारोह भी करने का फैसला किया था, जहां उन्होंने नींव पत्थर रखना था और देवी लाल ने समारोह की अध्यक्षता करनी थी। लेकिन यह मुद्दा लटक गया और नए चुनावों में दोनों, बादल व देवी लाल की सरकारें गिर गईं।
कैप्टन अमरेन्द्र ने देवी लाल द्वारा हरियाणा विधानसभा में 1 मार्च, 1978 को दिए भाषण का भी जिक्र किया है, जिसमें देवी लाल ने कहा था कि हमारे आपस के ताल्लुकात का सबसे पहला नतीजा यह निकला है और वो आपके सामने है। हमारी सरकार बादल सरकार के साथ बातचीत करके इस नतीजे पर पहुंची है कि उन्होंने नोटिफिकेशन (भूमि अधिग्रहण हेतु) जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि देवी लाल ने यह शब्द तब कहे थे, जब हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने बादल के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध का जिक्र किया था।
कैप्टन अमरेन्द्र ने देवी लाल के शब्दों का और जिक्र करते हुए कहा कि उसी भाषण में ही देवी लाल ने कहा था कि मैं एक बात यह बता दूं कि सैशन (विधानसभा सत्र) की वजह से रुकावट पड़ गई, वरन मुझे उस फंक्शन (पंजाब में एस.वाई.एल का नींव पत्थर रखने संबंधी) को प्रीसाइड करन था और बादल साहिब ने उसका उदघाटन करना था।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बादल, पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंटस एक्ट, 2004 को बचाए रखने में नाकाम रहे हैं, जिसको उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पास करके पंजाब द्वारा किए गए सभी अंतरराज्यीय पानी समझौतों को रद्द कर दिया था।
वास्तव में एन.डी.ए, जिसका बादल की शिरोमणि अकाली दल भी एक हिस्सा है, ने पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंटस एक्ट, 2004 की प्रैजीडेंशियल रैफरेंस के दौरान पंजाब विरोधी पक्ष लिया था। जिससे पूरे मामले में बादलों के पाखंड का खुलासा होता है।
जबकि कैप्टन अमरेन्द्र पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि एस.वाई.एल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पंजाब के खिलाफ जाने पर वह सभी कांग्रेसी विधायकों सहित इस्तीफा दे देंगे।

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