चंडीगढ़।  महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल दरिया, चंडीगढ़ के लगभग ६०
विद्यार्थियों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग चंडीगढ़ प्रशासन के
सहयोग से सारंगपुर स्थित चंडीगढ़ एनर्जी पार्क  का दौरा किया।  उन्होंने
पेल्टन पनचक्की और पनचक्र के कार्यों की जानकारी हांसिल करते हुए जाना कि
इन्हे किस तरह नदियों के किनारे लगाया जाता है।  कपलान टरबाइन का प्रयोग
बिजली उत्पादन के  की विस्तृत जानकारी ली। मांसपेशियों  की ताकत पर
आयोजित प्रदर्शनी में उन्होंने प्रयोगिक रूप से  पाया कि व्यायाम  करने
वाला साइकिल सवार जब साइकिल चलाता है तो डायनेमो मूवमेंट से भी बिजली
पैदा होने लगती है।  कंप्यूटर आधारित ऊर्जा प्रश्नोतरी एवं खेल के लिए
सिक्का डालकर  क्विज  या सूचना बैंक से कोई जानकारी प्राप्त करने के लिए
विकल्प चुना जाता है। यह ज्ञान बढ़ाने में लाभकारी सिध्द  होता है। सौर
ऊर्जा परिवर्तन  प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने ऊर्जा के एक स्वरूप का
आवश्यक उपयोग लिए दूसरी अवस्था में बदलने की जानकारी ली।   उन्हें  बताया
गया  कि विद्युत से यांत्रिकी, विद्युत से ध्वनि, विद्युत से ऊष्मा,
रसायन से विद्युत, यांत्रिकी से विद्युत , पवन ऊर्जा से विद्युत में
परिवर्तन संभव  हैं ।  धुँआ रहित चूल्हे के आधार पर उन्होंने सीखा की
घरों में इसका प्रयोग अति आवश्यक है  क्योंकि इससे प्रदूषण नहीं होता है।
 सोलर पैसिव होम मॉडल  के माध्यम से बताया गया किसोलर द्वारा घरों में
रोशनी, वातानुकूलन, पानी को गर्म या ठंडा करने में उपयोग किया जा सकता
है।  इस दौरान उन्होंने नूतन चूल्हा, एनर्जी  स्लिप, सोलर वाटर हीटर,
सोलर शैफलर कुकर, सोलर पैराबोलिक कुकर,  सोलर बॉक्स टाइप कुकर  की
खूबियों को भी जाना तथा  बायोगैस प्लांट कार्यों को  नजदीकी से परखा।
        स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम
का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को विज्ञान की लोकप्रियता के अन्तर्गत
ऊर्जा को उत्पादित करने करने वाले साधनों की जानकारी उपलव्ध करवाना था
ताकि वे दैनिक जीवन में इसकी महत्ता को समझ सकें।

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