चंडीगढ़, 2 नवंबर: पंजाब कांगे्रस अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में ओ.आर.ओ.पी के मुद्दे पर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक सूबेदार राम कृष्ण के परिवार के साथ किए गए अमानवीय व तानशाही रवैये को लेकर मोदी सरकार की निंदा की है।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि न सिर्फ मृतक के पारिवारिक सदस्यों को अवैध तरीके से हिरासत में ले लिया गया, बल्कि पुलिस द्वारा धक्केशाही व अनैतिक विचारों का शर्मनाक प्रदर्शन करते हुए उनसे मारपीट भी की गई। जिन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने सवाल किया कि इससे अधिक निंदनीय और क्या हो सकता है कि सूबेदार राम कृष्ण के पारिवारिक सदस्यों को उनका शरीर भी देखने नहीं दिया गया?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पीडि़त परिवार से मिलने गए ए.आई.सी.सी. उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी हिरासत में लिए जाने निंदा की है, जिसको उन्होंने लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि साफतौर पर केन्द्र सरकार की शह पर काम कर रहे पुलिसकर्मियों ने घमंडी तरीके से परिवार के प्रति व्यवहार अपनाया, जिससे प्रतीत होता था कि सरकार अपनी शर्मनाक ढील पर पर्दा डालने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोडऩा चाहती।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर इस दर्दनका घटना के बाद पद पर बने रहने का प्रत्येक अधिकार खो चुके हैं। उनके नेतृत्व में रक्षा कर्मियों, पूर्व सैनिकों और युद्ध के शहीदों की विधवाओं के साथ हो रहा बुरा व्यवहार बहुत ही चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है।
यहां जारी बयान में कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि सूबेदार राम कृष्ण की आत्महत्या ने ओ.आर.ओ.पी लागू करने संबंधी रक्षा मंत्री के झूठ का भंडाफोड़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राम कृष्ण की मौत के लिए रक्षा मंत्री बराबर के जिम्मेदार हैं और उन्हें इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सिर्फ तीन दिन पहले ओ.आर.ओ.पी. के लिए 5500 करोड़ रुपए अदा किए जाने के दावे के बाद, मामले की सच्चाई यह है कि सरकार द्वारा ओ.आर.ओ.पी नहीं लागू की गई, बल्कि पैंशनें में एकमुश्त बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने लगातार पूर्व सैनिकों की मुश्किलों को नजरअंदाज करने वाली मोदी सरकार की निंदा की है, जिसका पूर्व सैनिकों समेत पूरे देश के लिए गंभीर नतीजा निकलकर सामने आएगा।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि जहां रक्षा कर्मचारी देश के लिए अपनी जानों को कुर्बान कर रहे हैं, सरकार के पास उनकी जिंदगियों के साथ खेलने के लिए पछतावा भी नहीं है।
राम कृष्ण, अन्य कई पूर्व सैनिकों के साथ बीते करीब एक साल से पूर्व सैनिकों की पैंशनों की खामियां दूर करते हुए ओ.आर.ओ.पी. को सही तरीके से लागू किए जाने की मांग करते हुए नई दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे। जिन पूर्व सैनिकों के मुताबिक मौजूदा सिस्टम पूर्व सैनिकों को उचित व बराबर पैंशन नहीं देता है और इसको तुरंत सही किया जाना चाहिए। लेकिन रक्षा मंत्रालय द्वारा उनकी चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने में फेल रहने से निराश सूबेदार राम कृष्ण ने बुधवार को जहर खा लिया।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि एन.डी.ए सरकार के दौरान रक्षा कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों व युद्ध के शहीदों की विधवाओं की हालत चिंताजनक बनी हुई है। पार्रिकर के नेतृत्व वाला मंत्रालय उनकी समस्याएं सुलझाने में नाकाम रहा है।
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश की ओ.आर.ओ.पी स्कीम पूर्व सैनिकों की उम्मीदों पर खरी उतरने में नाकाम रही है। जिसे उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा रक्षा कर्मचारियों के साथ किए जा रहे घटिया व्यवहार की एक अन्य उदाहरण करार दिया है।
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पार्रिकर के नेतृत्व वाला रक्षा मंत्रालय एक बार फिर से रक्षा कर्मचारियों की समस्याएं सुलझाने में नाकाबिल साबित हुआ है और इस गंभीर विभाग से पार्रिकर को तुरंत तबदील कर दिया जाना चाहिए।
कैप्टन अमरेन्द्र ने जोर देते हुए कहा कि ओ.आर.ओ.पी के लागू होने में देरी के चलते देश के करीब तीन मिलियन पूर्व सैनिक व युद्ध के शहीदों की विधवाएं प्रभावित हुए हैं। ऐसे में और जानें जाने तक इस मुद्दे को आगे नहीं बढऩे दिया जा सकता और इसे तुरंत सुलझाए जाने की जरूरत है।

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