चंडीगढ़, 4 नवंबर: शिरोमणि अकाली दल के कई वरिष्ठ नेताओं के पंजाब कांगे्रस में शामिल होने से एक दिन बाद सत्तारूढ़ पार्टी को एक अन्य बड़ा झटका लगा है, जिसके भुलत्थ (कपूरथला) के अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा करीब 10 सालों के अंतराल के बाद कांग्रेस में वापिस आ गए।
इस क्रम में 2004 में अकाली दल में शामिल होने वाले राणा ने अपराधिक सियासत के ब्रांड से पूरी तरह मोह भंग होने के बाद पार्टी को छोड़ दिया और उनका कांग्रेस में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पंजाब ट्रक आप्रेटर्ज यूनियन के प्रैस सचिव राणा ने महसूस किया है कि मौजूदा हालातों में कांगे्रस ही सत्तारूढ़ पार्टी का एकमात्र विकल्प है।
राणा ने कहा कि अकाली दल ने कभी खुशहाल राज्य रहे पंजाब को पूरी तरह से अराजकता, अपराधिकरण की स्थिति में धकेल दिया है और इसकी जनविरोधी नीतियों के चलते राज्य का आर्थिक स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पंजाब कांग्रेस ही राज्य को बर्बादी से बचा सकती है।
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