चंडीगढ़, 31 अक्तूबर: पंजाब कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेली मां जैसा सलूक करने और पंजाब को वित्तीय बदहाली के किनारे पहुंचाने का आरोप लगाया है।
इस क्रम में सरकारी कर्मचारियों को वेतन व पैंशनों की अदायगी न होने, युवाओं को रोजगार देने में सरकार का फेल होना, किसानों के सिर बढ़ रहा कर्ज, उद्योगों का बंद होना और राज्य की कई महत्वपूर्ण जायदादों का बैंकों के पास गिरबी पडऩा आदि का जिक्र करते हुए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की पक्षपाती नीतियों के चलते राज्य दीवालिएपन की कगार पर पहुंच चुका है।
जबकि राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के दावों कि केन्द्र की पिछली यू.पी.ए सरकार के सौतेली मां जैसे सलूक के बावजूद राज्य ने तरक्की की है, को सिरे से खारिज करते हुए पंजाब कांग्रेस ने कहा कि यू.पी.ए शासनकाल के दौरान पंजाब ने शानदार तरक्की व विकास किया है। यहां तक कि केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली भी कुछ समय पहले स्वीकार कर चुके हैं कि पिछली सरकारों ने राज्य को बहुत सारे फंड दिए हैं और कई अवसरों पर पंजाब के कर्ज माफ किए गए हैं।
जेतली ने सितंबर, 2014 में पंजाब को लिखे अपने पत्र में कहा था कि 2013-14 के दौरान 4431.47 करोड़ रुपए के केन्द्रीय टैक्स राज्य को दे दिए गए थे, इसके अलावा, मार्च 2014 में 887 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता भी मंजूर की गई थी। साल 2005-06 से 2007-08 तक 370.70 करोड़ रुपए के केन्द्रीय ऋण माफ किए गए थे, जबकि केन्द्र प्रायोजित स्कीमों के बकाया 35.69 करोड़ रुपए 31 जनवरी, 2010 को माफ कर दिए गए थे। इसी तरह, पानी भरने की समस्या का निपटारा करने को 100 करोड़ रपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं। यह पत्र राज्य सरकार द्वारा केन्द्र को फंड जारी करने हेतु भेजी अपील के बाद जारी किया गया था।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं केवल सिंह ढिल्लों, ओ.पी सोनी व राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि जेतली द्वारा राज्य को खर्चों में सावधानी बरतने और अपने खर्चों को पूरा करने के लिए अन्य रास्ते अपनाने संबंध सलाह देने के बावजूद बादल सरकार खजाने को बर्बाद करती रही है।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने खुलासा किया कि वास्तव में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने खुद सदन में माना था कि उनको यू.पी.ए. सरकार से पूरा समर्थन मिल रहा है। मजीठिया चाहे भूलने की बीमारी से पीडि़त हों, लेकिन बाकी के विधायकों को याद होगा कि यहां तक कि बादल ने कांग्रेस द्वारा उन्हें दिल्ली जाने व केन्द्र सरकार से सहायता हासिल करने के ऑफर को उन्होंने यह कहकर नकार दिया था कि यू.पी.ए पहले ही बहुत कुछ कर रही है।
यहां जारी बयान में पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि बादल सरकार का समर्थन प्राप्त मोदी सरकार पंजाब व उसके लोगों के हितों की रक्षा करने में नाकाम रही है। इस दौरान मोदी सरकार के पंजाब के प्रति सौतेली मां जैसे व्यवहार का इसी से खुलासा होता है, जब हाल ही में अक्तूबर, 2016 के दौरान लुधियाना दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री बादल की कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में सुधार हेतु मदद करने की अपील पर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी के मध्य रिश्तों की गिरावट राज्य के लिए महंगी साबित हो रही है।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने मजीठिया से राज्य में विकास बारे अपने दावों को साबित करने को कहा है। जबकि मौजूदा आंकड़े स्पष्ट इशारा करते हैं कि राज्य हर मामले में बुरे वित्तीय हालातों का सामना कर रहा है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में 2007 में 7वें नंबर पर रहा पंजाब 2015 में 14वें नंबर पर खिसक चुका है, इस दौरान इसकी जी.एस.डी.पी. 10.2 प्रतिशत से नीचे खिसककर 5.3 प्रतिशत पहुंच चुकी है। कृषि विकास 4 प्रतिशत से नीचे खिसक कर शून्य से भी कम माइनस 5.3 प्रतिशत पहुंच चुका है, जबकि औद्योगिक विकास दर 21.5 प्रतिशत से 2.1 प्रतिशत गिर चुकी है।
जिन्होंने मजीठिया से बताने को कहा है कि क्या यह विकास है? प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि बादलों के शासनकाल में सिर्फ बादल व मजीठिया जैसे उनके रिश्तेदार का विकास हुआ है। जो पंजाब के लोगों द्वारा मेहनत से कमाए पैसे से अपनी जेबें भरते जा रहे हैं और अगली सरकार के लिए खजाना पूरी तरह से खाली छोड़ रहे हैं।
إرسال تعليق