चण्डीगढ़, 28 नवम्बर - ‘‘शहीद-ए-आजम भगत सिंह’ की लोकप्रियता तो एक ‘इंटरनेशनल यूथ आईकॉन’ के रूप में दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है, परंतु आवश्यकता इस बात की है कि भगत सिंह के विचारों को 21वीं सदी में स्कूल, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे युवाओं तक भी पहुंचाया जाए। साढ़े 23 साल की उम्र में मातृभूमि हेतु फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह एक बहुत बड़े विचारक थे, जो अपने अंतिम समय तक मानव के द्वारा मानव का शोषण बंद करने के उपाय पुस्तकों में ढंूढते रहे। वे अपने छोटे से जीवनकाल में 550 से ज्यादा पुस्तकें पढ़ चुके थे। भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग, पंचकूला के माध्यम से शहीद-ए-आजम के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का रचनात्मक प्रयास किया जा रहा है, जोकि एक सराहनीय कार्य है।’’
उपरोक्त विचार पंचकूला के रैड बिशप पर्यटन केन्द्र में आयोजित भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग की जनरल बॉडी की तीसरी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार गोबिन्द ठुकराल ने प्रकट किए।
भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग, पंचकूला के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रसिद्ध इतिहासकार डा० एम एम जुनेजा ने इस अवसर पर कहा कि भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग की स्थापना के गत 115 दिनों में हरियाणा के चार जिलों पंचकूला, सिरसा, हिसार एवं रोहतक के विभिन्न स्कूल एवं कॉलेजों में 10 भगत सिंह मैमोरियल लैक्चरों का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 2000 युवाओं को राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेवारियों का अहसास करवाकर, उन्हें देश निर्माण में अपना रचनात्मक सहयोग देने हेतु प्रेरित किया गया।
दूरदर्शन केन्द्र, चण्डीगढ़ के कार्यकारी निदेशक डा० नसीब सिंह मन्हास ने भगत सिंह की देशभक्ति का उल्लेख करते हुए, देश-प्रेम से ओतप्रोत अपनी कविता सुनाकर उपस्थित सदस्यों में एक नया जोश भर दिया।
मीटिंग में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां (सोनीपत) की पूर्व प्रो-वाइस चांसलर डा० बलबीर कौर, लुधियाना से आए प्रोफैसर पी एस भोगल, सोशल एक्टिविस्ट कामरेड कृष्ण सरूप गोखपुरिया एवं एस पी सिंह तथा पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के सुभाष चन्द्र सेठी व मीनू कुमारी तथा एडवोकेट अरुण जौहर ने भी अपने विचार रखे।
मीटिंग में हरियाणा के पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी चमनलाल लखनपाल, इंजीनियर डी एन कालीरमण, डा० हरदेव सिंह चांदी, डा० यशपाल वर्मा, एडवोकेट राजेन्द्र सिंह चौहान, प्रोफैसर एस पी मेहता एवं करनाल से आए विवेक राज धीमान व एस के राय की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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