चण्डीगढ़,16 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने युवाओं से माता-पिता की सेवा करने, नशीले पदार्थों से बचने, राष्ट्रीय पहचान बनाए रखने तथा अपने चरित्र को मजबूत बनाए रखने का आह्वïान किया। मुख्यमंत्री आज रोहतक में आयोजित 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव-2017 के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देश के सभी राज्यों से आए युवाओं को संबोधित कर रहे थे।
स्वामी विवेकानंद की 154वीं जयंती के अवसर पर 12 जनवरी से रोहतक में 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभारंभ हुआ था। हरियाणा को दूसरी बार राष्ट्रीय युवा महोत्सव की मेजबानी का अवसर मिला। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी तथा कार्यक्रम के सह-अध्यक्ष युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री विजय गोयल थे।
श्री मनोहर लाल ने महोत्सव में भागीदार बने देश के विभिन्न प्रांतों के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हरियाणा इस वर्ष अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहा है, ऐसे में यह आयोजन यादगार रहेगा। महोत्सव के दौरान सभी नृत्य, नाटक, गीत, लोक नृत्य, लोक संस्कृति अपने आप में मन मोहक रहे। लघु भारत की भावना और अनेकता में एकता, राष्ट्रीय एकता की भावना भी इस महोत्सव के दौरान मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी में युवाओं की भागीदारी 65 फीसदी है। युवा शक्ति के पास देश को आगे ले जाने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से इंसान के जीवन की तीन अवस्थाओं का जिक्र करते हुए बताया कि बाल्यावस्था में हमारे पास जोश तो होता है लेकिन अनुभव नहीं, वृद्धावस्था में हमारे पास अनुभव होता है तो जोश नहीं लेकिन नौजवानों में जोश तो रहता ही है साथ-साथ उनपर बुजुर्गों के अनुभव का प्रभाव भी रहता है। जोकि उन्हें नेतृत्व की क्षमता भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई हो या आजादी के उपरांत एमरजेंसी का दौर युवा शक्ति जोश में आकर देश-समाज का नेतृत्व ही नहीं बल्कि विपरीत परिस्थितियों का सफाया कर देती है। उन्होंने कहा कि एमरजेंसी के समय जब देश के लोकतंत्र पर प्रहार हो रहा था तो एक लाख से अधिक नौजवानों ने जेल जाने की यातनाएं सहते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक मत रूको कथन का जिक्र करते हुए कहा कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ो, रास्ते में कोई मिले तो उसे साथ लो, कोई रूके तो उसे छोड़ दो, कोई बाधा डाले तो उसे कुचल कर आगे बढ़ो। आज का युवा देश का भविष्य है और देश को बदलने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने समापन कार्यक्रम को विदाई का अवसर बताते हुए कहा कि भारी मन हो रहा है लेकिन आपका प्रेम, आपका प्यार, आपके चेहरे की आभा, आंखों की चमक, हृदय का उत्साह और आपका अनुशासन इस आयोजन को सफल बता रहा है। इस दौरान आपने ग्राम दर्शन भी किया और हरियाणवी संस्कृति व संस्कारों को भी जाना। अगर आपको दोबारा हरियाणा आने का अवसर मिले तो जरूर आएं मैं आपको निमंत्रण देता हूं।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य अतिथिगण ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम का समूह गान किया। इस दौरान वरिष्ठ कवि श्री हरिओम पंवार, गजेंद्र सोलंकी ने राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत काव्यपाठ से दर्शक दीर्घा को जोश से सराबोर कर दिया। इस दौरान युवाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी।
स्वामी विवेकानंद की 154वीं जयंती के अवसर पर 12 जनवरी से रोहतक में 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का शुभारंभ हुआ था। हरियाणा को दूसरी बार राष्ट्रीय युवा महोत्सव की मेजबानी का अवसर मिला। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी तथा कार्यक्रम के सह-अध्यक्ष युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री विजय गोयल थे।
श्री मनोहर लाल ने महोत्सव में भागीदार बने देश के विभिन्न प्रांतों के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हरियाणा इस वर्ष अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहा है, ऐसे में यह आयोजन यादगार रहेगा। महोत्सव के दौरान सभी नृत्य, नाटक, गीत, लोक नृत्य, लोक संस्कृति अपने आप में मन मोहक रहे। लघु भारत की भावना और अनेकता में एकता, राष्ट्रीय एकता की भावना भी इस महोत्सव के दौरान मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी में युवाओं की भागीदारी 65 फीसदी है। युवा शक्ति के पास देश को आगे ले जाने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से इंसान के जीवन की तीन अवस्थाओं का जिक्र करते हुए बताया कि बाल्यावस्था में हमारे पास जोश तो होता है लेकिन अनुभव नहीं, वृद्धावस्था में हमारे पास अनुभव होता है तो जोश नहीं लेकिन नौजवानों में जोश तो रहता ही है साथ-साथ उनपर बुजुर्गों के अनुभव का प्रभाव भी रहता है। जोकि उन्हें नेतृत्व की क्षमता भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई हो या आजादी के उपरांत एमरजेंसी का दौर युवा शक्ति जोश में आकर देश-समाज का नेतृत्व ही नहीं बल्कि विपरीत परिस्थितियों का सफाया कर देती है। उन्होंने कहा कि एमरजेंसी के समय जब देश के लोकतंत्र पर प्रहार हो रहा था तो एक लाख से अधिक नौजवानों ने जेल जाने की यातनाएं सहते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक मत रूको कथन का जिक्र करते हुए कहा कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ो, रास्ते में कोई मिले तो उसे साथ लो, कोई रूके तो उसे छोड़ दो, कोई बाधा डाले तो उसे कुचल कर आगे बढ़ो। आज का युवा देश का भविष्य है और देश को बदलने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने समापन कार्यक्रम को विदाई का अवसर बताते हुए कहा कि भारी मन हो रहा है लेकिन आपका प्रेम, आपका प्यार, आपके चेहरे की आभा, आंखों की चमक, हृदय का उत्साह और आपका अनुशासन इस आयोजन को सफल बता रहा है। इस दौरान आपने ग्राम दर्शन भी किया और हरियाणवी संस्कृति व संस्कारों को भी जाना। अगर आपको दोबारा हरियाणा आने का अवसर मिले तो जरूर आएं मैं आपको निमंत्रण देता हूं।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य अतिथिगण ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम का समूह गान किया। इस दौरान वरिष्ठ कवि श्री हरिओम पंवार, गजेंद्र सोलंकी ने राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत काव्यपाठ से दर्शक दीर्घा को जोश से सराबोर कर दिया। इस दौरान युवाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी।
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