चण्डीगढ़, 24 जनवरी - हरियाणवी फिल्में ऐसी बोली में बने जो आमजन की समझ में आए और बोली की गूढ़ता उचित तो है परन्तु फिल्मों को आमजन तक पहुँचाने में यह साध्य नहीं है, इसलिए बोली का सरलीकरण होगा तो फिल्म अच्छी आय भी देगी। 
यह जानकारी आज यहां हरियाणा कला परिषद की बैठक के दौरान दी गई। बैठक की महत्ता को समझते हुए 145 हरियाणवीं फिल्मों से जुड़े फिल्मकारों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
हरियाणा कला परिषद के निदेशक श्री अजय सिंहल ने बताया कि नाट्य विधा चिन्तन बैठक की सफलता के बाद अब फिल्मकारों इस चिन्तन बैठक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बैठक की अध्यक्षता ‘पगड़ी‘ फिल्म के निर्माता-निर्देशक, श्री राजीव भाटिया ने की । बैठक में ‘हरियाणवीं बोली की फिल्मों में प्रासंगिकता‘, ‘स्थापित फिल्मकारों का नवोदित फिल्मकारों के प्रति उत्तरदायित्व‘ व ‘सरकार से अपेक्षा‘ विषयों पर बड़े उत्साहपूर्ण वातावरण में चर्चा हुई जिसमें अधिकत्तम फिल्मकारों को अपने विचार रखें। इस अवसर पर स्टेट यूनिर्वसिटी परफोर्मिंग विजुअल आर्ट, रोहतक की छात्रा सुशीला सहारण द्वारा निर्मित ‘दायरा‘ फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया । 
प्रख्यात् अभिनेत्री, मेघना मलिक ने चिन्तन बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि इस क्षेत्र में हरियाणा की बेटियों को अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या बेटियों के बिना ही हरियाणवीं फिल्में बन सकती हैं या हरियाणा के बेटे ही बेटियों का रोल निभायेंगे। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बेटियों के लिए कोई विशेष प्रावधान किया जाए । 
लगान व गंगाजल फिल्मों के माध्यम से चर्चा में आए प्रख्यात् अभिनेता यशपाल शर्मा ने कहा- यदि कोई अच्छा कार्य कर रहा है तो मुक्त कंठ से उसको अच्छा कहना चाहिए। राजनीति से प्रेरित होकर अच्छे कार्यों को नकारना यह दूषित मानसिकता का परिचायक है। सरकार द्वारा पहली बार इस प्रकार का प्रयोग किया गया है, निश्चित ही इसके सार्थक परिणाम निकलेंगे। ‘सतरंगी‘ फिल्म के निर्देशक, श्री संदीप शर्मा ने कहा कि फिल्में ऐसी बोली में बने जो आमजन की समझ में आए। बोली की गूढ़ता उचित तो है परन्तु फिल्मों को आमजन तक पहुँचाने में यह बाधक है, इसलिए बोली का सरलीकरण होगा तो फिल्म अच्छी आय दे सकेगी।                                                     
    हरियाणवीं अभिनेता श्री अश्वनी चैधरी ने कहा कि जमीन से जुड़े ऐसे विषय तलाशें जो आमजन को अपने साथ जोड़ सके। मेहनत व लगन से लगे रहो तो सफलता निश्चित ही मिलेगी। 
बैठक की अध्यक्षता ‘पगड़ी‘ के निर्माता -निर्देशक श्री राजीव भाटिया ने की और उन्होंने कहा - एक साथ मिल-बैठ कर चिन्तन करने से ही समस्याओं का समाधान मिलता है। उन्होंने हरियाणा कला परिषद के अधिकारियों से निवेदन किया कि सभी फिल्मकारों से आए सुझावों का ड्राफ्ट बनाकर अतिशीघ्र मुख्यमन्त्री को भेजा जाए ताकि सुझावों को फिल्म-नीति में शामिल किया जा सके। परिषद के उपाध्यक्ष श्री सुदेश शर्मा ने आए हुए सभी फिल्मकारों का, फिल्म संस्थान रोहतक का व व्यवस्था में लगे सभी कर्मियों का धन्यवाद किया और कहा कि कला परिषद हर तरह से कलाकारों के साथ खड़ी है। उन्होंने फिल्मकारों का पक्ष सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन भी  दिया । 

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