चण्डीगढ़, 15 फरवरी - हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओपी धनखड़ ने उस समय मानवता व सेवाभाव का परिचय दिया जब सिरसा जिले की एक लडक़ी पैसों के अभाव सें उसकी पढ़ाई प्रभावित होने की बात कही और अपने हाथों से लिखा एक पत्र उन्हें सौंपा, जिसे पढक़र मंत्री भावुक हुए और तुरंत 11 हजार की मदद भिजवाई। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को मामले की तुरंत जांच करने के आदेश दिए।   
उल्लेखनीय है कि आम तौर पर छोटे बच्चे मंत्री को कागज देने नहीं आते, मगर सिरसा में एक छोटी बच्ची ने कागज दिया तो कृषि मंत्री के मन में  यह बात कौंध गई। सिरसा में कार्यक्रम करने के बाद जैसे ही मंत्री गाड़ी में बैठे तो उन्होंने वह बच्ची वाला कागज मांगा। उस कागज पर लिखने वाली प्रियंका ने लिखा था उसके माता-पिता की बचपन में मृत्यु हो गई थी और वह अपने दादा-दादी के साथ रहती हूं। उसके दादा मत्स्य विभाग में है। मगर 9 महीने से वेतन नहीं मिला। इसलिए स्कूल में भूखे तक भी जाना पड़ता है। वर्दी तक के पैसे नहीं हैं। इन शब्दों ने मंत्री को अंदर तक हिला दिया। मंत्री ने तुरंत उस लडक़ी को ढूढने को कहा। चि_ी में लिखे इस क्लू से कि उसके दादा मत्स्य विभाग में हैं, मंत्री ने इसी से  अधिकारियों के माध्यम से पता लगाया कि कौन व्यक्ति है जिसका वेतन नहीं मिला और परिवार मुश्किल में है। डीएफओ के माध्यम से पता चला कि बलवंत सिंह नाम व्यक्ति मत्स्य विभाग में डेलीवेजिज पर काम करता है। इस परिवार का घर ढूढा गया और  मंत्री ओपी धनखड़ ने तुरंत परिवार की इस बेटी को अपनी ओर से सुरेंद्र आर्य के माध्यम से 11 हजार की मदद भिजवाई। डीएफओ को भी उनके घर भेजा।  डीएफओ को यह भी निर्देश दिए कि तत्काल प्रभाव से बलवंत सिंह का वेतन  दिलाएं। 
मदद पाने वाली छात्रा प्रियंका सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ती है। प्रियंका का कहना था कि बहुत दिनों से पैसों के अभाव में तंग हो रहे थे तो मेरे मन में आया कि मैं सरकार को चि_ी लिखूंगी। संयोग से मंत्री हमारे यहां आ रहे थे, हमें दादा के माध्यम से पता लग गया इसलिए मैंने उन्हें अपने दर्द की चि_ी लिख दी। मगर कुछ देर में ही उन्हें मदद मिल जाएगी, ऐसा नहीं सोचा था। चिटठी तो दादा की तनख्वाह के लिए लिखी थी। प्रियंका और उसकी दादी सावित्री से फोन पर बात की गई तो प्रियंका ने धन्यवाद किया। जबकि उसकी दादी सावित्री ने तो आशीष की झड़ी लगा दी

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