चंडीगढ़, 15 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में सरकारी बिलों की राशि का भुगतान कैशलैस तरीके से करने पर प्रोत्साहनस्वरूप पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। साथ ही हरियाणा के जो नागरिक यूपीआई, यूएसएसडी और ईवालेट में किसी एक में पंजीकृत होते हैं तथा कम से कम एक लेन-देन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करते हैं, तो उन नागरिकों के खाते में सराहना राशि के रूप में पांच रुपये की राशि जमा की जाती है।
मुख्यमंत्री ने आज यह जानकारी नई दिल्ली में आयोजित स्मार्ट मनी कांन्क्लेव में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने संबोधन में कही।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गत 8 नवम्बर को 1000 और 500 रुपये के नोटों के प्रचलन पर पाबंदी लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसके पीछे उनकी सोच थी भ्रष्टïाचार के नासुर को खत्म करने तथा काले धन पर अंकुश लगाने की। प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को लैस कैश अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने के लिये प्रयासरत हैं। डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने तथा कैशलैस तरीकों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आज के कार्यक्रम के आयोजक बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि कैशलैस तरीकों से भुगतान करने से राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही पारदर्शी व्यवस्था कायम होने से लोगों को राजकीय तंत्र में विश्वास मजबूत हुआ है। डिजिटल लेन-देन से गरीब और अमीर के बीच की खाई कम होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सक्षम योजना के तहत विभिन्न बैंकों के माध्यम से 2,500 युवाओं को कैशलैस का प्रशिक्षण भी दिया गया है। यह युवा डिजिटल लेन-देन के प्रति समाज में नई चेतना पैदा करेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने राज्य में सरकारी सेवाओं को पहले ही ऑनलाइन कर दिया था। जिसके चलते छात्रवृति, सम्मान भत्ता योजनाओं व जन वितरण प्रणाली सहित अन्य सरकारी योजनाओं में व्यापक सुधार देखने को मिले हैं। ई-रजिस्ट्रेशन व ऑनलाइन जमाबंदी जैसे कार्यक्रमों से क्रांतिकारी नतीजे भी देखने को मिले हैं।
उन्होंने कहा कि कैशलैस लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार स्वरूप 1000 रुपये के 50, पांच हजार रुपये के 10 और 10 हजार रुपये के 5 पुरस्कार देने की स्कीम शुरू की और पांच दिसम्बर, 2016 को इसके क्रियान्वयन के लिए एक वैब पोर्टल भी शुरू किया। पोर्टल पर एक लाख नागरिकों के पंजीकरण के बाद 24 दिसम्बर, 2016 को पुरस्कारों का ड्रॉ निकाला गया, जिसमें 65 भाग्यशाली विजेताओं के नाम पोर्टल पर अपलोड किये गये। आज तक 1.94 लाख नागरिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण किया है, जो इस बात का प्रमाण है कि लोग लेनदेन के कैशलैस तरीकों को अपनाने में रुचि ले रहे हैं। राज्य सरकार के इन प्रयासों से हरियाणा राज्य निकट भविष्य में की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों से डिजिटल लेन-देन स्वयं करने तथा दूसरों को प्रेरित करने का भी आह्वान किया।
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