फरीदाबाद , 18 मार्च - केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में असिंंिचत भूमि को सिंचित बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की देश की नदियों को जोडऩे की महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए गये हैं। 
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह आज सूरजकुण्ड में द्धितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 में उदघाटन करने के उपरांत प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। देश में किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने के संबंध में गृह मंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए नाबार्ड के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का एक फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के इस संकट को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें आरंभ कर दी गई है। 
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 21वें सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है, जिसमें अपार संभावनाएं है। कृषि को सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बनाया जा सकता है, हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2019 तक 76 लाख हैक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित बनाया जाएगा। इसी प्रकार, मार्च 2018 तक देशभर की 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड दिया जाएगा ताकि किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए आनलाईन सुविधा से जुड सकें। 
    उन्होंने इस सम्मेलन में आए हुए सभी किसानों को अपना परिवार का सदस्य बताते हुए व स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने पारपरिंक खेती को आधुनिक खेती में बदलने के लिए इस प्रकार के आयोजन करके प्रभावी कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ लोगों का यह मिथक था कि खेती या कृषि में अब संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं और लेकिन भारत मेें तकनीक के सहयोग से खेती में अपार संभावनाएं हैं तथा 21वीं सदी में कृषि एक सन-राइजिंग सैक्टर के रूप में उभर रहा हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि एक सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बने, इसके लिए हरियाणा सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित करके एक प्रभावी कदम उठाया है। 
उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा और पंजाब राज्यों का अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने एग्री लीडर का अर्थ बताते हुए कहा कि एग्री लीडर वह किसान है जो जागरूक है और बाजार का मिजाज जानता है तथा उसके अनुरूप ही अपने उत्पाद का प्रसंस्करण् एवं पैकेजिंग करता है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों से ही कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकें आई है और इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके नई-नई तकनीको को किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। गृह मंत्री ने हरियाणा में की जा रही खेती के संबंध में कहा कि हरियाणा प्रदेश में 90 लाख एकड क्षेत्र में खेती की जा रही है जिसमें हरियाणा देश में बासमती के उत्पादन में नंबर एक हैं, धान और गेंहू में हरियाण रिकार्ड उत्पादन करता है तथा गन्ना में भी हरियाणा सर्वाधिक उत्पादन करता है। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड की अगुवाई में राज्य के 340 गंावों को बागवानी गांवों के रूप में चिन्हित किया गया है, जो एक सराहनीय कदम हैं। इसी प्रकार, किसानों की आय को दोगुणा करने के लिए तथा नई नई तकनीकों को इजात करने के लिए प्रदेश में एक बागवानी विश्वविद्यालय खोला जा रहा है ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकेें। उन्होंने कहा कि  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करने का एक संकल्प लिया है और हम इस आशा को विश्वास में बदलेेगें। 18 मार्च - केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में असिंंिचत भूमि को सिंचित बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की देश की नदियों को जोडऩे की महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए गये हैं। 
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह आज सूरजकुण्ड में द्धितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 में उदघाटन करने के उपरांत प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। देश में किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने के संबंध में गृह मंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए नाबार्ड के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का एक फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के इस संकट को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें आरंभ कर दी गई है। 
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 21वें सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है, जिसमें अपार संभावनाएं है। कृषि को सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बनाया जा सकता है, हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2019 तक 76 लाख हैक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित बनाया जाएगा। इसी प्रकार, मार्च 2018 तक देशभर की 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड दिया जाएगा ताकि किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए आनलाईन सुविधा से जुड सकें। 
    उन्होंने इस सम्मेलन में आए हुए सभी किसानों को अपना परिवार का सदस्य बताते हुए व स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने पारपरिंक खेती को आधुनिक खेती में बदलने के लिए इस प्रकार के आयोजन करके प्रभावी कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ लोगों का यह मिथक था कि खेती या कृषि में अब संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं और लेकिन भारत मेें तकनीक के सहयोग से खेती में अपार संभावनाएं हैं तथा 21वीं सदी में कृषि एक सन-राइजिंग सैक्टर के रूप में उभर रहा हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि एक सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बने, इसके लिए हरियाणा सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित करके एक प्रभावी कदम उठाया है। 
उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा और पंजाब राज्यों का अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने एग्री लीडर का अर्थ बताते हुए कहा कि एग्री लीडर वह किसान है जो जागरूक है और बाजार का मिजाज जानता है तथा उसके अनुरूप ही अपने उत्पाद का प्रसंस्करण् एवं पैकेजिंग करता है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों से ही कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकें आई है और इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके नई-नई तकनीको को किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। गृह मंत्री ने हरियाणा में की जा रही खेती के संबंध में कहा कि हरियाणा प्रदेश में 90 लाख एकड क्षेत्र में खेती की जा रही है जिसमें हरियाणा देश में बासमती के उत्पादन में नंबर एक हैं, धान और गेंहू में हरियाण रिकार्ड उत्पादन करता है तथा गन्ना में भी हरियाणा सर्वाधिक उत्पादन करता है। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड की अगुवाई में राज्य के 340 गंावों को बागवानी गांवों के रूप में चिन्हित किया गया है, जो एक सराहनीय कदम हैं। इसी प्रकार, किसानों की आय को दोगुणा करने के लिए तथा नई नई तकनीकों को इजात करने के लिए प्रदेश में एक बागवानी विश्वविद्यालय खोला जा रहा है ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकेें। उन्होंने कहा कि  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करने का एक संकल्प लिया है और हम इस आशा को विश्वास में बदलेेगें। 

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