


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 300 बसों की खरीद कर ली है और उनकी चेसिज आ चुकी है और बाडी मेङ्क्षकंग का काम चल रहा है व दो से तीन महीनें के भीतर ये बसें रोडवेज के बेडे में शामिल हो जाएंगी तथा वहीं, 300 बसों के टेंडर हो चुके है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 300 ओर बसें इस साल में खरीदने के लिए प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि ये सभी 900 बसें बीएस-4 होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि रोडवेज के बेडे को ओर ज्यादा सुदढ किया जाए। श्री ढिल्लों ने बताया कि हरियाणा के कुल 1275 रूट संचालित हैं और इसमें से केवल 273 रूटों को प्राईवेट आपरेटरों को दिया गया है तथा 1000 रूटों पर हरियाणा रोडवेज की बसें संचालित हैं। उन्होंने कहा कि प्राईवेट आपरेटरों को दिए गए परमिट से हरियाणा रोडवेज के रूटों पर कोई प्रभाव नहीं पडेंगा क्योंकि इन प्राइवेट आपरेटरों को छोटे रूट दिए गए हैं और लंबी दूरी के रूट तथा हरियाणा से बाहर अन्य राज्यों जैसे कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर इत्यादि राज्यों में हरियाणा रोडवेज की बसों के रूट संचालित हैं।
श्री ढिल्लों ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि लोगों को असुविधा है और न ही ऐसी कोई नीति है जिससे लोगों को असुविधा हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति बिल्कुल पारदर्शी हैं और इस लिए सरकार ने केवल 844 परमिट ही दिए हैं और वर्ष 1993, 2001 व 2013 के तहत बनाई गई पुरानी परिवहन नीतियों के तहत चलने वाले रूटों पर ही ये परमिट दिए गए हैं और केवल कुछ रूटों पर ही बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत 1669 परमिट लेने के लिए नए ्रावेदन प्राप्त हुए हैं और जिसमें से केवल 860 को ही आफर लेटर जारी किए गए हैं शेष अभी भी लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि प्राईवेट बसों में भी वो 39 श्रेणी के यात्री निशुल्क सफर करेंगें, जो हरियाणा रोडवेज की बस में करते हैं। इसके अलावा, हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक द्वारा जारी पास-होल्डर भी इन प्राइवेट बसों में सफर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्राइवेट बस आपरेटर इन नियमों के विरूद्ध जाता है तो उसकी एक लाख रुपए की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इन प्राइवेट बस आपरेटरों को अगले 48 घंटों में जीपीएस सिस्टम भी लगाना होगा अगर नहीं लगाएंगें तो भी इनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी।
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