शादी को लेके जग्गी को पूरी करनी पड़ेगी एक अजीब शर्त
पंजाबी सिनेमा में नया इतिहास रचेगी "वेख बरातां चलियाँ"

चंडीगढ़ - सरला के साथ शादी का सपना सजा के बैठे जग्गी के ऊपर क्या बीतेगी जब पंडित फरमान जारी करेगा के जग्गी को सरला से पहले एक कुत्ती के साथ शादी करनी पड़ेगी. कुछ ऐसे हे नए अंदाज़ और विषय को लेकर बानी पंजाबी फिल्म "वेख बरातां चलियाँ"28 जुलाई को सिनेमा घरों का सिंगार बनेगी. नदर फिल्म्स और जे स्टूडियो के सहयोग से रिदम बॉयज़ एंटरटेनमेंट की इस फिल्म की समूची टीम आज यहाँ पत्रकारों से रूबरू हुए.
फिल्म के मुख्य अदाकार और मशहूर व् प्रसिद्ध हास्य कलाकार बिन्नू ढिल्लों ने बताया के फिल्म की कहानी दो सूबे में रहते दो परिवारों पे आधारित है. इस में जट्ट परिवार पंजाब का रहने वाला है और जाट परिवार हरयाणा का रहने वाला है. उन्होंने आगे बताया के धार्मिक रीती रिवाज़ों को लेकर ही फिल्म का विषय बनाया गया है. उन्होंने बताया के बस कंडक्टर फिल्म के मुख्य कलाकार जग्गी व् बस की सवारी अदाकारा सरला के बीच में प्यार हो जाता है और जब वो दोनों शादी करने का फैसला लेते हैं तो एक नया झंझट पैदा हो जाता है.
सरला का पिता ज्योतिष विध्या में बहुत विश्वास रखता है. वो एक शर्त लगा देते हैं के सरला से शादी करवाने से पहले जग्गी को अपनी जनम पतरी दिखानी पड़ेगी. और दोनों की जनम पत्रियाँ मिलने के बाद ही शादी संभव हो पायेगी. पर ज्योत्षी बताता है के जग्गी मांगलिक है और सरला नहीं है और इन दोनों की शादी संभव नहीं है. और अगर ये शादी हो जाती है तो या तो सरला मर जाएगी या किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाएगी. ज्योत्षी उन्हें एक सलाह देता है के अगर जग्गी एक कुत्ती से पहले शादी कर लेता है तो उस का मांगलिक दोष ख़त्म हो जायेगा. जग्गी कुत्ती के साथ शादी करवा लेता है जिस से एक और नया पंगा पैदा हो जाता है. जिस के बाद खूब मनोरंजन भरे सीन्स दर्शकों को लुभाएंगे.
फिल्म में जग्गी का किरदार बिन्नू ढिल्लों ने निभाया है जबकि सरला का किरदार कविता कौशिक ने. इन के अलावा जसविंदर भल्ला, करमजीत अनमोल, गोबिंद नामदेव, मुकेश भट्ट, मिथिला पुरोहित आदि ने भी इस में एहम भूमिका निभाई है. अमरिंदर गिल व् रंजीत बावा ने इस में विशेष भूमिका निभाई है. फिल्म के निर्देशक है क्षितिज चौधरी और इस की पेशकारी जसपाल संधू, अमीक विर्क व् कारज गिल ने की है. फिल्म की कहानी नरेश कथूरिआ ने लिखी है और इस का संगीत गुरमोह व् जतिंदर शाह ने दिया है. फिल्म के गीत अमरिंदर गिल, रंजीत बावा, गुरशब्द व् बीर सिंह ने गाये है और इन को लिखा है बीर सिंह व् विन्दर नथु माजरा ने.

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