विभिन्न शहरों में 103 रैन बसेरे की व्यवस्था की गई पालिकाओं द्वारा
9 शहरों में 30 अस्थाई रैन बसेरा स्थापित की प्रक्रिया एक सप्ताह में हो जाएगी पूरी
चंडीगढ। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने कहा है कि प्रदेश के सभी पालिकाओं में जरूरतमंदों को कडाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने से बचाने के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था पुख्ता की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 103 रैन बसेरा स्थापित किए जा चुके हैं। जबकि 9 शहरों में बढती मांग को देखते हुए एक सप्ताह के अंदर 30 चलता-फिरता रैन बसेरा स्थापित किए जाएंगे। समाजसेवी संगठनों से भी उन्होंने आह्वान किया है कि वह रैन बसेरा की व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपना योगदान करें, ताकि जनभागीदारी के साथ जरूरतमंद की मदद का उद्देश्य पूरा किया जा सके। 
आज यहां जारी बयान में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने कहा कि लगातार बढ रही ठंड को ध्यान में रखते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा सभी पालिका क्षेत्रों में बेघर तथा खुले आसमान के नीचे सोने वाले नागरिकों के लिए रैन बसेरा की सुविधा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल रैन बसेरा की व्यवस्था पुख्ता रहे, इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 80 शहरों में पालिका प्रशासन द्वारा रैन बसेरा चिन्हित करते हुए उनमें गद्दे एवं गर्म कंबल, रजाई की व्यवस्था की है। सार्वजनिक स्थानों और शहर में मुनादी के द्वारा ऐसे जरूरतमंदों को जागरूक तथा आमजन को प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वह जरूरतमंद को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर सकें। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, बहादुरगढ, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, पंचकुला, कुरूक्षेत्र में अतिरिक्त व्यवस्था के लिए प्रशासन द्वारा मांग की गई थी। जिसपर 30 चलता-फिरते केबिननुमा रैन बसेरा रखने की मंजूरी दी गई थी। इसमें 17 रैन बसेरे स्थापित कर दिए गए हैं और अगले एक सप्ताह के अंदर सभी चलते-फिरते रैन बसेरे स्थापित करा दिए जाएंगे। 
मंत्री कविता जैन ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश का कोई भी नागरिक खुले आसमान के नीचे गिरते तापमान में रहने को मजबूर न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वह ऐसे जरूरतमंद नागरिकों को प्रेरित करें तथा किसी भी क्षेत्र में रैन बसेरा को लेकर बढती जरूरत पर पालिका प्रशासन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित करें, ताकि व्यवस्था को बेहतर किया जा सके। वहीं समाजसेवी संगठन भी रैन बसेरा में अपना सहयोग करें, ताकि जनभागीदारी के साथ जरूरतमंद की मदद करना सुनिश्चित हो सके।     

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