चंडीगढ़ 14 अप्रैल 2018 एक फिल्म में यह ताकत होती है कि वो समाज और उसकी बारीकियों को दर्शा सके।यह बिलकुल सच है कि फिल्म की कहानी और संगीत दर्शकों को हसा और रुला सकती है।यह आपको एक आशावादी भविष्य और महान अतीत का दृश्य पेश कर सकती है।हाल ही में बहुत सारी पंजाबी फिल्में इस पीरियड ड्रामा जॉनर के साथ प्रयोग कर चुकी हैं और पंजाब के भूले बिसरे पेंडू संस्कृति को बड़े पर्दे पर दिखा चुकी हैं।तरनवीर सिंह जगपाल की ‘दाना पानी’उसी पेंडू पंजाब को दर्शाती एक और फिल्म है।
फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों से अच्छा हुंगारा मिलने के बाद जिम्मी शेरगिल और सिम्मी चहल की दाना पानी के निर्माता अब इस फिल्म का पहला गीत रिलीज़ कर रहे हैं जिसका टाइटल है मावां। मावां गीत फिल्म की पृष्ठ भूमि को ही ब्यान करता है और आपको 1962 के पंजाब में वापिस ले जाता है।रूहानी बोल और 60 के दशक के संगीत से प्रेरित यह गीत इस फिल्म की कहानी में पूरी तरह फिट बैठती है।

मावां गीत के गायक हरभजन मान ने कहा, "मैं हमेशा अपनी मातृ भाषा और संस्कृति से वफादार रहने की कोशिश करता हूँ। मैं सिर्फ वही गीत गाता हूँ जो मुझे लगता है कि सुनने वालों पर अच्छा प्रभाव छोड़ेगा।जब मावां गीत मुझे दिया गया तो इसके दिल छूने वाले अलफ़ाज़ सुन कर मना ही नहीं कर पाया। इसके बिना इस गीत की लोक धुनें और माँ बेटी के सच्चे पर दुखद रिश्ते को दर्शाता ‘मावां’ मेरे गीतों में से सब से पसंदीदा है।"
दाना पानी के डायरेक्टर तरनवीर सिंह जगपाल ने कहा, "एक पीरियड ड्रामा बनाते हुए आपको हर बात पर देना पड़ता है जैसे जिस टाइम पर आधारित है वहां का माहौल आदि।पर फिर भी भावनाएं एक ऐसा पहलु है जिसके साथ आप खिलवाड़ नहीं कर सकते।एक माँ का उसके बच्चे से रिश्ता सब से सच्चा और पवित्र होता है।मावां हर माँ और बेटी के लिए नज़राना है।"
फिल्म के प्रोडूसर नानोकी स्टूडियोज के रणबीर सिंह गरेवाल ने कहा, "दाना पानी चाहे 1962 की लड़ाई पर आधारित है पर जो कहानी है वो पंजाब की बदल रही ज़िन्दगी को पेश करती है।गीत मावां एक माँ बेटी के रिश्ते पर है जो गांव की छोटी सोच और कठोर विचारों में फंस जाती है।यह गीत यकीनन पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के सदाबहार गीतों में शामिल होगा।"
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