चंडीगढ़। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहीद नरेंद्र सिंह के घर जाकर उनके परिवार को करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है। केजरीवाल बुधवार को थाना कलांखरखौदा,सोनीपत पहुंचे और शहीद नरेंद्र सिंह के परिवार के लोगों के साथ-साथ गांव वालों से भी मुलाकात की। गांव के लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, “नरेंद्र सिंह जी की शहादत के सामने करोड़ रुपये कुछ भी नहीं है।  किसी शहीद की विधवा का पति तो 100करोड़ रुपये में भी वापस नहीं आ सकता। किसी बच्चे का पिता के जीवन के लिए तो 100 करोड़ रुपये भी कुछ नहीं है। 
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “देश के लिए शहादत देना बहुत बड़ी बात मानी जाती है। बहुत सम्मान की बात मानी जाती है। हमें शहीद नरेंद्र सिंह पर गर्व है। पूरे देश को गर्व है। पर जिस तरह से पाकिस्तान ने उनको तड़पा-तड़पा कर शहीद किया और जिस तरह से उनका शरीर वापस आयाउस समय पूरे देश के लोगों के रोंगटे खड़े हो गये थे। हर किसी के बस की बात नहीं हैइस तरह की कुर्बानी देना। लेकिन यहां के लोगों की ये बात बिलकुल सही है कि आखिर कब तक हमारे बच्चेहमारे मां-बापहमारे परिवार के लोग इस तरह से शहादत देते रहेंगे।
केजरीवाल ने कहा, “देश को जब भी जरूरत पड़ेगीजरूर देंगे शहादत। और सबसे आगे बढ़कर के देंगे शहादत। लेकिन हमारा देश इतना कमजोर नहीं है कि हम पाकिस्तान का जवाब नहीं दे सकते। हमारे देश के लोग जवाब दे सकते हैं। सेना जवाब दे सकती है।“ 
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर सारी पार्टियां एक साथ हैं। फिर सरकारें कमजोर क्यों हैं। सरकारें पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं देती। हर पार्टी चुनाव से पहले आकर ये वादा करती है कि वो पाकिस्तान को सबक सिखा देगी। लेकिन चुनाव जीतने के बाद भूल जाती है। ये ठीक नहीं है।“ 
सरकार बनते ही करोड़ रुपये के सम्मान राशि की घोषणा की 
राजनीति में आने से पहले के दिनों का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, “जब हम राजनीति में नहीं आये थेतब एक विचार हमारे मन में बहुत तकलीफ दिया करता था।  हम देखते थे कि कोई क्रिकेटर सेंचुरी मार देता था तो उसे कोई एक करोड़ देता थाकोई दो करोड़ देता था। लेकिन जब कोई शहीद होता था तो उसके परिवार वालों को कोई एक करोड़ रुपये देने वाला नहीं था। उनकी  सुध लेने वाला कोई नहीं होता था। मैंने सुना है कि दिल्ली पुलिस में शहीदों की विधवाओं को पहले सिलाई मशीन दी जाती थी। कोई बता रहा था कि गुजरात में शहीदों के परिवार को लाख रुपये दिए जाते हैं। 
केजरीवाल ने कहा शहीदों के परिवार को रोते-बिलखते मैंने देखा है। उनके बच्चों के आंखोँ में मैंने आंसू देखे हैं। कोई भी देश अपने शहीदों की इस तरह अनदेखी नहीं करता। उनका इस तरह अपमान नहीं करता। उस दौर में हमें बहुत तकलीफ होती थी और हम सोचते थे कि कभी मौका लगाअगर कभी सरकार में हमारी चली तो सबसे पहला काम शहीदों के परिवार वालों को करोड़ रुपये की सम्मान राशि देंगे। शहीदों के परिवार वालों को लगना चाहिए कि जिस देश के लिए उनके परिवार से किसी ने कुर्बानी दी हैवह देश उनके परिवार के साथ खड़ा है। इसलिए जैसे ही 49 दिन वाली हमारी पहली सरकार बनीहमने शहीदों के लिए सम्मान राशि के रूप में करोड़ रुपये देने की घोषणा कर दी।


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