चंडीगढ़ (प्रवेश फरण्ड)
केंद्र सरकार की और लागू किए गए 3 कृषि बिलों को लेकर किसान लगातार विरोध कर रहे है। विरोध के चलते किसानों द्वारा आज भारत बंद का आह्वान किया गया, जिसके चलते चंडीगढ़ की इंटक, एटक, ऐक्टू, व सी.टी.यू पंजाब चार बड़े संगठनों ने संयुक्त रूप से केंद्र की किसान और मजदूर विरोधी तानाशाही सरकार के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर 17 प्लाजा में भारी विरोध प्रदर्शन किया।
इस मौके पर चारों संगठनों के अध्यक्ष मंडल में नसीब जाखड़, राजकुमार, कंवलजीत सिंह व इंद्रजीत ग्रेवाल ने कहा कि देश का अन्नदाता सड़कों पर लाठियां और पानी की बौछार खा रहा है और सर्दी के मौसम में अपने घर छोड़ कर बाहर खुली सड़कों पर बैठ कर आंदोलन कर रहे है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों पर थोपे तीन काले कानूनों को वापस लेने की बजाय किसानों के ऊपर वाटर कैनन की बौछार की गई, लाठी चार्ज किया गया, अशव गैस के गोले दागे गए, रास्ते में गड्ढे खुदवा कर कटीले तार और बड़े-बड़े पत्थर लगवाए गए जिससे यह साबित होता है कि अंग्रेजों की तर्ज पर दमनकारी नीतियों पर सरकार चली हुई है और आज वर्तमान सरकार से देश का किसान मजदूर कर्मचारी और छोटा दुकानदार या छोटा व्यापारी बहुत ठगा सा महसूस कर रहा है. यही तमाम वर्ग देश की रीड की हड्डी होते हैं और उनकी कमर तोड़ने का सरकार ने काम किया है चारों संगठन इस बात का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं
और सरकार से मांग करते हैं कि तीनों बिल रूपी काले कानून वापस लें और किसानों की फसल का एमएसपी और एमआरपी तय करें अन्यथा सभी ट्रेड यूनियन आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर हो जाएंगे इस मौके पर गुरमेल, रंजीत मिश्रा, कन्हयालाल, सुखबीर सिंह, देवीदयाल,सतीश कुमार,गगन कौर, मनीत, विजय सिंह,सज्जन कुमार समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे।
Post a Comment