चंडीगढ़ 


हर वर्ष वर्ल्ड किडनी डे 11 मार्च को विश्व भर में मनाया जाता है, विश्व भर में लगभग 850 मिलियन व्यक्ति किडनी रोग का शिकार है , दस में से 1 व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिसीज से पीड़ित है ।  द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल आबादी में 8-17 प्रतिशत तक को भविष्य में क्रॉनिक किडनी डिजीज हो सकती है। इन मरीजों में 20 फीसदी को आखिरी  स्टेज किडनी फेलियर हो सकता है। भारत में प्रति वर्ष आखिरी स्टेज रीनल डिजीज के करीब 2.2 लाख नए रोगी जुड़ते हैं। इसलिए हर साल 3.4 करोड़ डायलिसिस की अतिरिक्त मांग बढ़ती है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता है,  लेकिन प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर के सिद्धांत पर  विश्व भर में किडनी की क्रोनिक डिसीज से बचने के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं इस तर्ज पर

1)  डॉ राजन शर्मा ,लैप्रोस्कोपिक यूरोलोजिस्ट एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन इंडस अस्पताल

2)डॉ नरिंदर शर्मा , कन्सल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट एंड किडनी ट्रांसप्लांट फीजिशियन इंडस अस्पताल

3) डॉ एस पी एस बेदी डायरेक्टर क्लीनिकल सर्विसेज इंडस अस्पताल

4) डॉ जोगेश अग्रवाल  कंसल्टेंट एनस्थीसिया इंडस अस्पताल

की टीम ने *किडनी डिसीज प्रीवेंशन जागरुकता अभियान  द्वारा 10 लाख लोगों को करेंगे जागरूक*  

पूरे पंजाब में गावँ, कस्बा ,तहसील जिला स्तर पर कैम्प लगाकर , स्कूल कालेजों में कैम्प लगाकर व युवा वर्ग को सोशल मीडिया के जरिये 10 लाख लोगों की किया जाएगा जागरूक बताया , डॉक्टरों की टीम ने ।


क्रोनिक किडनी डिसीज से बचने के लिए हैं निम्न उपाय जरूरी 

1) दर्द निवारक दवाएं कम से कम व बिना डॉक्टरी सलाह के न खाएं 

2) सभी वयस्क साल में दो बार बी पी व शुगर  की जांच करवाएं

3) 40 वर्ष से ऊपर साल में 6 बार बी पी व शुगर लेवल की जांच करवाएं

4) सभी वयस्क बी पी 120 /80   पर कंट्रोल करें चाहे बिना दवाओं या फिर दवाओं के साथ 

5) अपना एच बी ए वन सी 6 से कम रखें

6) नशे से बचें 

7)नियंत्रित व स्वस्थ आहार लें 

8) पर्याप्त नींद लें 

9)तरल पदार्थों का सेवन करें

10) ज्यादा नमक व मीठा न खायें


इस मौके पर इस टीम द्वारा 14 वर्षीय    अंश को उसके  डोनर पिता ने अपने लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के जल्द रिकवरी के अनभव बयान करते हुए कहा कि जब हमारे परिवार को अंश की बीमारी का पता लगा व फिर लगातार डायलसिस की मदद लेनी पड़ी तो एक बार तो जीवन में अंधेरा छा गया ,ऐसा लग रहा था कि अब तो जीवन ऐसे ही गुजरेगा लेकिन ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं , इन चारों डॉक्टर्स की टीम ने हमें हौसला दिया , बताया कि ऑर्गन डोनेशन भी लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा किडनी निकलने की सर्जरी से 3-4 दिन में रिकवरी ही जाती है और ऐसा ही हुआ भी , सातवें दिन तो मैं अपने काम पर वापिस पहुंच गया था व ई एस आई के कार्ड पर सर्जरी की वजह से हमारे सर से लंबे चौड़े खर्च का बोझ भी बच गया ।

मेरी आम जनता से अपील  किडनी डिसीज से प्रीवेंशन सबसे ज्यादा जरूरी है लेकिन यदि किसी कारणवश ऐसा हो जाये तो बिना घबराएं अपने नजदीकी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की राय लें व ट्रांसप्लांट अपनाएं ताकि   लिविंग वेल विद किडनी डिसीज का उद्देश्य पूरा हो पाए ।


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