पंचकूला


 हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि प्रदेश में कोविड का इलाज कर रहे डॉक्टरों की अकाल मृत्यु होने के कारण उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उसके एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रावधान किया जाए ताकि वे निश्चिंत हो कर मानवता की सेवा कर सकें।   



 उन्होंने मांग की है कि हरियाणा प्रदेश में एम बी बी एस की सीटें बढा कर  दौगुनी करने के साथ-साथ, एम बी बी एस के छात्रों की फीस बढ़ाकर 10 लाख प्रति वर्ष की गई है उस बढ़ी हुई फीस को तुरंत ही वापिस लिया जाए। कोरोना काल में एक तरफ जहां लोगों के रोजगार चलें गए हैं और उन्हें आधी बार भूखा सोना पड़ रहा है ऐसे विकट काल में वह अपना गुजारा करने के साथ साथ वह अपने बच्चों की इतनी भारी भरकम फीस कैसे भरेगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि जो भी विशेषज्ञ डॉ अपना अस्पताल खोलना चाहता है उसे सरकार द्वारा कम  ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाए और इसमें शर्तें निर्धारित की जाएं, जिससे गरीब मरीजों को लाभ हो सके। 


उन्होंने कहा कि कोविड जैसी विश्वव्यापी महामारी में देश के डाक्टरों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए लाखों लोगों के जीवन को बचाया है और  उन्हें नया जीवन प्रदान किया गया  है।‌ऐसी विकट परिस्थितियों में इन्होंने और स्वास्थ्य विभाग के फ्रन्टलाईन यौद्धाओं ने जो सराहनीय भूमिका निभाई है और अपना अमूल्य योगदान दिया है, उस कर्तव्य परायणता के लिए मैं इन सभी का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।  


 चन्द्र मोहन ने कहा कि इस भयंकर कोरोना की विभीषिका के दौरान देश में लगभग 1000 डाक्टरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है और हरियाणा भी इसका अपवाद नहीं है। स्नातकोत्तर मैडिकल कालेज रोहतक के 200 से अधिक डॉ एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भी संक्रमण का शिकार होना पड़ा है। ऐसे कर्तव्य परायण और जनसेवा की भावना से ओत-प्रोत डाक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के फ्रंटलाइन यौद्धाओं को सरकार द्वारा दिल खोलकर भरपूर मदद की जानी चाहिए ताकि सभी डॉक्टर्स और फ्रंटलाइन यौद्धाओं का भरपूर सदुपयोग मानव-कल्याण के लिए किया जा सके।      ‌


  

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य कर्मचारियों जिनमें नर्स  भी शामिल हैं उनकी बीमा राशि भी 50 लाख रुपए से बढ़ाकर  एक करोड़ की जाए और इसके साथ ही इनके परिवार के एक सदस्य को भी एक्सग्रेसिया के आधार पर नौकरी प्रदान करने की व्यवस्था का प्रावधान किया जाए। इसके साथ ही राष्ट्रीय  स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जो कर्म चारी पिछले 5 सालों से कार्य कर रहे हैं उन सभी को नियमित किया जाए ताकि उनको सुरक्षा की गारंटी मिलने के साथ ही वह सभी और अधिक बेहतर ढंग से मानव सेवा के अपने दायित्व का निर्वहन कर सकने में सक्षम हो सके।              ‌                    श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि बड़े खेद की बात है कि आजकल इन डाक्टरों द्वारा प्रयोग की जा रही एलोपैथिक दवाओं के बारे में कुछ लोगों द्वारा दुष्प्रचार करके मरीजों को दिग्भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी विकट परिस्थितियों में हमें डाक्टरों के साथ साथ  कोविड के इलाज के लिए खोजें गए वैक्सीन के साथ साथ कोविड के उपचार के लिए प्रयोग की जा रही उन सभी प्रकार की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवाओं का  उपचार के लिए सकारात्मक सोच रखते हुए ही प्रचार और प्रसार करें ना कि एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में मरीजों को भ्रमित करने वाला नकारात्मक संदेश फैलाए। हम सभी एक जूट होकर ही इस अदृश्य और विशालकाय राक्षस रुपी कोरोना का मुकाबला भली भांति कर  सकते हैं ।   

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