चंडीगढ़ -

 हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि उपचार की भिन्न-भिन्न पद्धतियों को एक दूसरे की विरोधी न बनकर एक दूसरे की सहयोगी बनना चाहिए। विज ने कहा कि एलोपैथी और आयुष की आयुवेर्दिक सहित विभिन्न पद्धतियां अपने अपने तरीके मरीजों का उपचार करती हैं, जिनसे मरीज ठीक भी होते हैं। इसलिए इन पद्धतियों को आपस में विरोधी नहीं होना चाहिए बल्कि एक दूसरे के सहयोगी एवं मेलजोल से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान की सभी पद्धतियों का मुख्य उद्देश्य केवल मरीजों का उपचार और उन्हें उत्तम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करवाना ही होता है।


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश व प्रदेश में दोनों पद्धतियां के संचालन के लिए अलग-अलग विभाग बने हैं। राज्य में वे स्वयं बतौर मंत्री दोनों विभागों पर समान रूप से पूरा ध्यान दे रहे हैं ताकि जनता को अच्छे से अच्छे उपचार की सुविधाएं प्राप्त कराई जा सकें। देश में न तो एलोपैथिक दवाई लेने वालों की न्यूनता है और न ही आयुर्वेदिक व आयुष की अन्य पद्धतियों को उपचार के तौर पर प्राथमिकता देने वाले की कमी है।

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