चण्डीगढ़ - 


हरियाणा में वह दिन दूर नहीं जब आमजन को पात्रता के हिसाब से सरकारी योजनाओं का लाभ अपने-आप ही मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें न तो किसी दफ्तर के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही किसी ‘बाबू’ की जी-हजूरी करनी पड़ेगी।


गौरतलब है कि परिवार पहचान-पत्र बनाने का काम पूरे जोर-शोर से चल रहा है जोकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना हर परिवार को समृद्ध और खुशहाल बनाने में मील का पत्थर साबित होगी क्योंकि अब सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा।


सरकारी प्रवक्ता ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि परिवार की समृद्धि पर राज्य का विकास निर्भर करता है। सरकार की कई ऐसी योजनाएं होती हैं, जिनका लाभ जरूरतमंदों तक समय पर पहुंचना जरूरी होता है। सूचना प्रौद्योगिकी ने इस काम को बेहद आसान कर दिया है। परिवार पहचान पत्र एक विस्तृत डाटा बेस है जिसमें नागरिकों की सभी प्रकार की जानकारियांं शामिल की गई हैं। इसमें परिवार की आर्थिक स्थिति समेत परिवार के सदस्यों की आयु, जाति, शिक्षा, रहन-सहन व संसाधनों आदि का पूरा विवरण जुटाया जा रहा है। इसी जानकारी के आधार पर सरकारी योजनाओं लाभ उनके सही मायने में हकदार लोगों को समय पर मिल सकेगा।


उन्होंने बताया कि 60 साल की आयु पूरी होने पर वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पेंशन और 18 साल की आयु होने पर मतदाता पहचान-पत्र जैसी योजनाओं का लाभ निर्धारित समय पर अपने-आप ही मिल जाएगा। इससे नागरिकों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकारी कार्य में पारदर्शिता बढ़ेगी, प्रभावशाली लोगों का हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा और केवल पात्र व्यक्ति ही योजना का लाभ उठा सकेंगे।


उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नागरिक संसाधन सूचना विभाग के नाम से एक नया विभाग बनाया गया है। नागरिक अपने किसी भी नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर परिवार पहचान पत्र बनवा सकते हैं। परिवार पहचान पत्र प्रदेश के सभी गांवों, नगर पालिका, नगर निगम क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं। पहचान पत्र को परिवार के मुखिया से वेरीफाई भी करवाया जाएगा कि उनके परिवार की सही जानकारी दर्ज हो सके।

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