• "कई युवा मैरिड जोड़ों ने कोविड  प्रेरित अनिश्चितताओं के कारण बच्चे पैदा करना स्थगित कर दिया है, इसके बजाय अब उनमे 'प्लांट पेरेंट्स' की प्रवृत्ति देखी जा रही है", आत्मन संधू, चंडीगढ़ की एक हरित उद्यमी।
  • चंडीगढ़ की पच्चीस वर्षीय लड़की की हरित पहल, स्थानीय कारीगरों को हस्तनिर्मित कारीगर प्लांटर्स का उत्पादन करने के लिए शामिल करना।
  • 'न्यूनतम डिजाइन' की अवधारणा का उपयोग करते हुए चंडीगढ़ की युवा लड़की हस्तनिर्मित और हाथ से पेंट किए गए प्लांटर्स का डिजाइन और निर्माण करती है।





प्रवेश फरंड चंडीगढ़ 


चंडीगढ़ की एक युवा लड़की आत्मन संधू के पर्यावरण और कला के प्रति प्रेम ने उन्हें 'शिबुई इंडिया' की स्थापना के लिए प्रेरित किया, जो कि एक अनूठा 'ग्रीन स्टार्टअप' है,  जो सुंदर हस्तनिर्मित और हाथ से पेंट किए गए प्लांटर्स का डिजाइन और उत्पादन करता है, जिसे बाद में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरित किया जाता है। यह बेहद दिलचस्प है कि 'शिबुई' एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ पूर्ण और अपूर्ण का एक साथ सम्मिश्रण और सादगी में सुंदरता खोजना है। 

"'शिबुई' का सार एक सौंदर्य  सरल, सूक्ष्म और विनीत डिजाइन बनाना है,  मेरा मानना है कि न्यूनतम यानि मिनिमलिस्टिक डिजाइन में जादू है। विचार प्लांटर्स की एक कलात्मक श्रृंखला बनाने का था जो देखने में सरल प्रतीत होता है लेकिन इसमें बनावट और रंग जैसे सूक्ष्म विवरण शामिल होते हैं जो जटिलता और सादगी को संतुलित करते हैं।" यह कहना है आत्मन  का, जो डीयू के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से स्नातक हैं।


आत्मन आगे कहती  हैं कि , " बहुत से  यंग मैरिड कपल्स ने कोविड की अनिश्चितताओं की वजह से बच्चे पैदा करने के अपने प्लान्स  आगे के लिए टाल दिए हैं और  इनमे से ऐसे कपल्स भी हैं  जिन्होंने प्लांट्स अडॉप्ट करने का फैसला किया हैं। अगर आप प्लांट अडॉप्ट करना चाहते हैं  तो इसमें ध्यान देने योग्य कई चीज़े हैं, सफल होने के लिए प्लांट इन्फ्लुएंसर को फॉलो करना चाहिए तथा मिनिमलिस्टिक प्लांटर्स को खरीदना चाहिए।प्लांट्स भी एक बच्चे की तरह ही होते हैं और बढ़ते पौधों को घर पर स्टाइलिश क्रिब्स  की जरुरत पड़ती है। 'शिबुई' इंडिया के आर्टिस्ट सुंदर और अद्वितीय डिजाइन वाले प्लांटर्स बनाने में सक्षम हैं।"


 'शिबुई' न केवल एक स्टार्टअप है बल्कि, सामाजिक उद्यमिता का एक चमकदार उदाहरण भी है,जो स्टाइलिश और रचनात्मक रूप से डिज़ाइन किए गए प्लांटर्स के उपयोग से पर्यावरण को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।लगभग एक दर्जन आर्टिस्ट्स, पेंटर और मजदूरों को पहल का समर्थन है।


आत्मन कहती हैं, "समाज को वापस देने की मेरी प्रबल इच्छा को पूरा करने का एकमात्र आदर्श तरीका अपने समुदाय में स्थानीय कारीगरों का समर्थन करना था, भारत विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं से भरा है और हमने 'शिबुई' में केवल उस प्रतिभा को पहचाना और सशक्त बनाया।"


'शिबुई'  वर्कशॉप चंडीगढ़ में स्थित है, जहां प्लांटर्स हाथ से बनाए तथा हाथ से पेंट किए जाते हैं।


समाज और पर्यावरण के प्रति आत्मान की वास्तविक संवेदनशीलता उनके द्वारा उत्पादित प्लांटर्स में झलकती है। जो कि पर्यावरण के अनुकूल और नैतिक सामग्री जैसे फाइबर-ग्लास, राल और पानी के मिश्रण से बने होते हैं। फाइबर-ग्लास का मुख्य घटक कांच है। चूंकि कांच रेत से बना होता है और यह  - एक प्राकृतिक, गैर-घटता संसाधन है जो कि पर्यावरण संतुलन को नुकसान नहीं पहुंचाता।


आत्मन को पत्रकारिता और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करने का अनुभव है, जिसने कि उन्हें ई-कॉमर्स व्यवसाय स्थापित करने के लिए कौशल प्रदान किया। महामारी के बीच उनके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म www.shopshibui.com ने हरियाली के प्रति उत्साही लोगों के लिए प्लांटर्स की खरीदारी को बहुत आसान बना दिया है।


आत्मन ने कहा, "मेरा सपना भारत में एक घरेलू नाम बनना है क्योंकि 'शिबुई' प्लांटर वास्तव में किसी व्यक्तिगत और पेशेवर स्थान को पूरा करता है। मैं ऐसे लोगों और ब्रांडों के साथ जुड़ना चाहती हूं जो एक हरित विश्व के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं। मेरा अंतिम उद्देश्य पूरे देश में इंटीरियर डिजाइनरों और लैंडस्केपिस्टों के साथ काम करना है और अंततः इन्हे दुनिया भर में शिप करना है।

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