चण्डीगढ़ 

 वन विभाग  के  कांटरैकचुअल कर्मचारियों  की समस्याओं पर  बिपिन शेर सिंह, ऑल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ के चेयरमैन ने बताया, “वन विभाग में फारेस्टर और फारेस्ट गार्ड के पदों पर तकरीबन 7 पूर्व सैनिक लगभग पिछले 8 से 9 वर्षों से कार्यरत हैं और उनकी रेगुलराइजेशन का मामला चंडीगढ़ कैट में लंबित है, और कोर्ट द्वारा नई रेगुलर भर्ती पर स्टे दिया गया है। लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन कोर्ट के आदेशों की परवाह किए बिना इन पूर्व सैनिकों के पदों पर नई रेगुलर भर्ती करने जा रहा है , जो सरासर गलत है और कोर्ट की अवमानना है।”


बिपिन शेर सिंह ने आगे  कहा, "चंडीगढ़ प्रशासन को सालों से कार्यरत अपने कांट्रेक्ट कर्मचारियों के भविष्य की ना तो  चिंता है और ना ही न्यायालय के आदेशों की परवाह।"


सिंह ने बताया कि  नगर निगम में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों के भविष्य की चिंता किए बिना रेगुलर भर्ती का बिगुल फूंक दिया गया है। हालांकि हाउस द्वारा पास किया गया रेगुलराइजेशन एजेंडा चंडीगढ़ प्रशासन के पास अप्रूवल के लिए लंबित है ।


ऑल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ का  कहना है  कि वन विभाग में कार्यरत कांटरैकचुअल पूर्व सैनिकों की नौकरी की सुरक्षा किए बिना रिक्रूटमेंट टेस्ट की तिथि की घोषणा हो गई है जो कि सरासर शोषण है।


ऑल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ के चेयरमैन, बिपिन शेर सिंह ने गृह मंत्री, पर्यावरण मंत्री, चंडीगढ़ प्रशासक, एडवाइजर सांसद और स्थानीय वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखकर पूर्व सैनिकों के नौकरी की सुरक्षा की तत्काल मांग की।


बिपिन शेर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन कांट्रैक्ट इम्प्लाइज को इस्तेमाल करके उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है और युवाओं के साथ  'यूज एंड थ्रो' की नीति  अपना रहा है।  और अभी तक 20-25 सालों से कार्यरत कांट्रैक्ट इम्प्लाइज की सुरक्षा के लिए  न ही कोई पॉलिसी बनाई गई और न ही पंजाब की कोई पॉलिसी अपनाई गई ।

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