चंडीगढ़, 30 सितम्बर- हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि जब तक मानव संवेदनशील नहीं होगा विश्व में शांति स्थापित नहीं हो सकती। आदर्श मानव समाज की स्थापना के लिए मानवीयता और संवेदनशीलता अति आवश्यक गुण हैं। 
यह बात आज उन्होंने राजभवन में सांसद व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘केदारनाथ आपदा की सच्ची कहानियां’ के पंजाबी अनुवाद के विमोचन के बाद अपने सम्बोधन कही। पुस्तक का पंजाबी में अनुवाद डॉ0 गुरचरण दास, निदेशक भारत ग्रुप ऑफ कालिजिज, सरदूलगढ ने किया है। 
    राज्यपाल ने कहा कि राजनीति के साथ जब साहित्य का संगम होता है तो सद्प्रवृतियां जन्म लेती हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति और राजनीतिज्ञ में यदि संवेदनशीलता आ जाए तो उसके द्वारा किया गया हर कार्य दैवीय होगा। डॉ0 रमेश पोखरियाल की पुस्तक की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक ऐसा संदेश देती है जो मानव को असल में मानव बनाता है। यह आदमी के अन्त:करण में मानवीयता का निर्माण करती है क्योंकि पुस्तक में शामिल सब कहानियां ऐसी सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं जिनमें केदारनाथ यात्रा के समय लोगों ने अपनी परवाह न करते हुए दूसरों के जीवन को बचाया।
    राज्यपाल ने आगे कहा कि जहां के लोग संवेदनशील होते हैं वह गांव अथवा शहर आदर्श होता है। वहां कोई अत्याचार व अपराध नहीं हो सकता। इसलिए यदि वहां थाना भी खुला हो तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है क्योंकि उस थाने में कोई केस ही नहीं आता। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी भी ऐसी सरकार को आदर्श मानते थे जिसने ऐसा वातावरण बना दिया हो जिसमें लोग स्वयं अनुशासित रहें और सरकार को कम से कम शासन करना पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसा तभी हो सकता है जब लोग संवेदनशील हों।
    इससे पहले पुस्तक के लेखक व सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस पुस्तक के लेखन की पृष्ठभूमि में केदारनाथ आपदा के समय के अपने अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने कहा कि उस समय अनेक लोगों में मानवीयता स्वयं ही फूट पड़ी थी। यही नहीं एक व्यक्ति जिसे सब बुरा कहते थे उसने भी सैकड़ों जिंदगियों को बचाया और बचाते-बचाते कुर्बान हो गया। उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदनाओं को जगाने वाली यह पुस्तक आगे भी लोगों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करेगी।
    पुस्तक के अनुवादक डॉ0 गुरचरण दास ने इस अवसर पर कहा कि पुस्तक का अनुवाद करते समय उनके सामने ऐसी घटनाएं आईं जिनसे कहा जा सकता है कि मानवता अभी जिंदा है। उन्होंने कहा कि आज भी भाई कन्हैया जैसे मानवसेवक मौजूद हैं और इस पुस्तक में ऐसे मानवसेवकों की कहानियां पढकर बच्चों को बड़ी प्रेरणा मिलेगी। इसलिए इसे पाठ्यपुस्तकों में स्थान दिया जाना चाहिए।
    हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ0 नरिन्दर सिंह विर्क ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस पुस्तक से पंजाबी समृद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इसमें आपदापीडि़त लोगों का जो दर्द बयां किया गया है वह लोकगाथाएं बन जाएगा। डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के सलाहकार डॉ0 राजेश नैथानी ने पुस्तक व लेखक का परिचय विस्तार से कराया।
     इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, राज्यपाल के सचिव डॉ0 अमित कुमार अग्रवाल, हरियाणा, चण्डीगढ भाजपा के अध्यक्ष संजय टंडन, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान, सतलुज चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष सचिन गोयल, अखिल भारतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक शर्मा आदि उपस्थित थे।

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