Chandigarh 06th Jan. 2017: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ने नोटबंदी के मामले में आर.बी.आई. द्वारा अपनी स्वाधीनता एनडीए सरकार के हाथ में देने के विरोध में 18 जनवरी, 2017 को चंडीगढ़ में आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय का घेराव करने का फैसला किया है। यह फैसला आज चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों तथा कार्यकारिणी की बैठक में किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने की। बैठक में राज्यसभा सदस्य श्रीमती विपल्लव ठाकुर ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री पवन कुमार बंसल, चंडीगढृ टैरिटोरियल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री प्रदीप छाबड़ा तथा पंचकूला, अम्बाला व यमुनानगर जिलों के लिए पार्टी पर्यवेक्षक श्री हरमोहिन्दर ङ्क्षसह लक्की ने बैठक में विशेष रूप से भाग लिया। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौ. धर्मपाल सिंह मलिक तथा चौ. फूल चंद मुलाना ने भी बैठक को सम्बोधित किया।
डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का जनविरोधी निर्णय करने के लिए कालाधन निकालने, भ्रष्टाचार रोकने और आतंकवादियों के पास धन जाने से रोकने के जो बहाना बनाये उससे देश की सामान्य जनता को भारी कष्ट उठाना पड़ रहा है। बैंकों के आगे लाईनों में खड़े 100 से अधिक लोग अपनी जान गवा बैठे और सबसे बड़ी अन्यायपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार के इस निर्णय से सामान्य आदमी अपने खातों में जमा धन नहीं निकलवा सकता। ऐसी कुव्यवस्था आज तक इतिहास में देखने को नहीं आयी है। तंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि मेरा पैसा - मेरे हाथ और कैशलैश बगैर कमीशन ।
श्रीमती विपल्लव ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार संवैद्यानिक संस्थानों को खत्म करने पर तुली हुई है। आरबीआई ने पहली बार अपनी ड्यूटी पूरी नहीं की और अपने-आपको सरकार की कठपुतली बनाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से यह नोटबंदी लागू करके लोगों को भारी मुसिबत में डाला गया है कांग्रेस पार्टी उसके विरूद्ध है और इसका विरोध करने के लिए 21 फरवरी से 25 फरवरी तक वेदना सम्मेलनों का भी आयोजन किया जायेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कैशलैश लेनदेन सरकार द्वारा जबरी लागू किया जा रहा है जो सरासर अन्यायपूर्ण है क्योंकि बैंकों, एटीएम और पीटीएम आदि कंपनियों को जाने वाला कमीशन लोगों की जेब से जायेगा। उन्होंने कहा कि मोटे अनुमान के अनुसार यदि देश में 86 लाख करोड़ रूपए का वार्षिक लेनदेन होता है तो इसका 2 प्रतिशत इन कंपनियों की जेब में जायेगा। वैसे भी एटीएम और पीटीएम लोग स्वेच्छा से प्रयोग में ला रहे हैं, इसे सभी व्यक्तियों पर जबरन लागू करना तानाशाही है।
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