Chandigarh : 17 Jan. 2017 : आज हिन्दू वेलफेयर बोर्ड के चैयरमैन महंत रवि कान्त ने बजरंग दल हिंदुस्तान के प्रधान जे के चग्रां के साथएक बैठक की | महंत रवि कान्त ने बताया कि पंजाब के 2017 विधानसभा चुनावों में 'मंदिर एक्ट' के मुद्दे पर हमारी सहयोगी चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड राजनितिक पार्टी हिन्दुस्थान निर्माण दल के बैनर से 5 जिलों में उमीदवार उतारे जायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के हिन्दू धार्मिक संस्थानों की कोई भी संवैधानिक व्यवस्था न होने से हिन्दू धर्म स्थानों की दुर्दशा हो रही है। हिन्दू धर्मस्थानों में सरकार की दखलंदाजी बन्द होनी चाहिये। देश के तीस लाख हिन्दू धर्मस्थानों के योग्य प्रबन्ध एवं व्यवस्था के लीये कानून बनाया जाना समय की जरूरत है। इस कानून का पूरा नाम "देवालय देवस्थान प्रबन्धक एक्ट" है। प्रत्येक धर्मस्थान से एक प्रतिनिधि इस समिति का सदस्य रहेगा  इसमें चार स्तर 1 राष्ट्रिय स्तर पर, 2 प्रदेश स्तर पर, 3 जिला स्तर पर, 4 तहसील स्तर पर "देवालय देवस्थान प्रबन्धक समिति" का गठन किया जायेगा। जोकि संवैधानिक अधिकारों से युक्त होकर प्रबन्ध को देखेगी। इस कानून का मसौदा तैयार करके भारत के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पहले ही भेजा जा चूका है।  महंत जी ने कहा कि हिन्दू धर्मस्थानों पर चढ़ने वाला चढ़ावा हिन्दू समाज का है और इसे हिन्दू समाज की वेलफेयर पर ही खर्च करना चाहिए। सरकारों को इस पैसे के दुरूपयोग का कोई अधिकार नही। आज यह पैसा या तो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सरकारों के पास जा रहा है या यह पैसा पर्सनल जेबों में जा रहा है जिसका हिन्दू समाज को कोई लाभ नही है। इस पैसे से हर जरूरतमंद व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से भोजन, शिक्षा, दवाई, इलाज, रहने को छत और रोजगार जैसी मुलभुत सुविधाएं मिलेंगी। जिससे सरकारों पर भी बोझ कम होगा। क्योंकि कानून बनाना राजनीतिज्ञयों का काम है इसलिए हमने निर्णय कीया है कि हम इस "देवालय देवस्थान प्रबन्धक एक्ट" (मंदिर एक्ट) को चुनावी मुद्दा बना कर जनता के बीच ले जा रहे है। उन्होंने कहा कि साल 2015 के पटियाला विधानसभा के बाय इलेक्शन में मैने ईसी 'मंदिर एक्ट' के मुद्दे पर चुनाव में भाग लिया था। जिसमे कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मेरे मुद्दे से सहमत होते हुये इस मुद्दे को संसद में पुरजोर तरीके से उठाने का वायदा किया था जिससे मेने कैप्टन की पत्नी परनीत कोर को समर्थन कीया था। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्मस्थानों में व्याप्त भृष्टाचार का एक उधाहरण देता हूं पटियाला में अति प्राचीन श्री काली माता जी का मंदिर है जोकि सरकार के नियंत्रण में है। साल 2010 के आस पास मेरे प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने इस मंदिर में कैमरे लगवाये। जिससे हर महीने दो लाख से ढाई लाख तक खुलने वाली गुलक कैमरे लगने के अगले महीने तीस लाख रूपये के करीब निकली। और उस मंदिर का बैंक अकॉउट जो कभी पांच लाख का आंकड़ा पार नही कर पाया था। आज कैमरे लगने के बाद यही अकॉउंट 25 पच्चीस करोड़ के ऊपर है। यह सब पैसा हिन्दू समाज की भलाई पर खर्च होना चाहिए। सरकारों को इस पैसे का दुरूपयोग करने का कोई अधिकार नही। उन्होंने कहा कि हर छोटे से छोटे मंदिर में कम से कम एक सिंगल टीचर स्कूल, कम से कम पांच लोगो का भोजन, कम से कम एक गऊ, कम से कम एक फर्स्ट ऐड बक्सा यह मिनिमम प्रोग्राम हर हिन्दू धर्म स्थान में समाज की भलाई के लीये चलाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हिन्दू धार्मिक सम्पतियों को भूमाफिया से बचाने के लिए 10मई 2015 की पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट की डबल बैंच ने जस्टिस सूर्यकान्त कान्त की अगुवाई में दिए ऐतिहासिक फ़ैसले में 99 साली लीज के नाम पर खुर्द बखुर्द की जा रही धार्मिक सम्पत्ति को बचाने के लिए 99 साली लीज को अवैध घोषित करके सभी डी सी को धार्मिक सम्पत्ति से अवैध कब्जे छुड़वा कर सम्पत्ति धार्मिक संस्थान के सुपुर्द करने का आदेश दिया। जिससे स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर हिन्दू धार्मिक सम्पत्ति को खत्म कीया जा रहा है। इस धार्मिक सम्पत्ति को भूमाफिया से मुक्त करवा के समाज की भलाई में उपयोग कीया जायेगा। और जर्जर हो चुके हिन्दू धर्मस्थानों का जीर्णोद्धार करके खूबसूरत एवम दर्शनीय स्थलों के रूप में विकसित किया जायेगा

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