चण्डीगढ़, 15 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने आज विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे शिक्षा को राष्ट्र की प्रगति का माध्यम बनाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा अर्जित डिग्री दिखावा मात्र नहीं होनी चाहिए बल्कि यह समाज व राष्ट्र की प्रगति के लिए होनी चाहिए क्योंकि देश का भविष्य विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों पर निर्भर करता है।
राज्यपाल प्रो० सोलंकी जोकि वाईएमसीए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी है, आज विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह को कुलपति प्रो० दिनेश कुमार तथा आईआईटी रूडक़ी के पूर्व निदेशक प्रो० प्रेम व्रत ने भी संबोधित किया।
दीक्षांत समारोह में वर्ष 2014 से 2016 तक विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से पीएचडी, स्नातकोत्तर तथा स्नातक परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले कुल 2072 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। विश्वविद्यालय ने 20 पीएचडी, 769 स्नातकोत्तर तथा 1283 स्नातक उपाधियों के साथ विभिन्न पाठ्यक्रमों के मेधावी विद्यार्थियों को 13 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। दीक्षांत समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में जिम्मेदारी और नैतिकता के गुणों का आत्मसात करें। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भाग्यशाली है, जिन्हें तकनीकी शिक्षा हासिल हुई है जोकि 21वीं सदी में देश ही नहीं अपितु विश्वभर की मांग है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र युवा तकनीकीविदें को आशा भरी निगाहों से देख रहा है जो मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट-अप जैसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर इस देश की प्रगति में योगदान दे सकते है।
वाईएमसीए विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को स्मरण करते हुए कुलपति ने कहा कि यह संस्थान 1969 में इंडो-जर्मन परियोजना के तहत स्थापित हुआ और वर्ष 2009 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल हुआ। विश्वविद्यालय बनने के महज सात-आठ वर्षों के भीतर विश्वविद्यालय ने ‘ए’ ग्रेड नैक मान्यता हासिल करने में सफलता हासिल की। अपने पहले ही प्रयास में ‘ए’ ग्रेड नैक मान्यता हासिल करने वाला वाईएमसीए विश्वविद्यालय राज्य का दूसरा तकनीकी विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने के मामले में रिकार्ड कायम किया है। विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होने वाले शत प्रतिशत पात्र विद्यार्थियों को रोजगार मिल जाता है। इस प्रकार, विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को रोजगार को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ती। उन्होंने विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में दीक्षांत समारोह की परम्परा गुरू व शिष्य के बीच संबंध का परिचायक है जो विद्यार्थियों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास करवाती है। उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक तथा व्यवसायिक दौर में सूचना तथा ज्ञान के बीच अंतर नहीं रहा है। इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध सूचनाओं को ही पर्याप्त ज्ञान मान लिया जाता है। उन्होंने पश्चिम एवं पूर्वी के बीच की विचारधारा का भी उल्लेख किया, जिसमें कला, ज्ञान एवं संस्कृति के बीच बड़ा अंतर है। 

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