चंडीगढ, 11 मार्च : आज कल लोगों में पुखराज पहनने का काफी चलन देखने को मिल रहा है। पुखराज बृहस्पति (गुरुग्रह का रत्न है औरइससे पहनने से वृहस्पति ग्रह का प्रभाव जातक पर पड़ता है। लेकिन बाजार में पुखराज के नाम पर यैलो सफायर यानी पीला नीलम बेचा जा रहाहै। कुछ ज्योतिष भी इस बात से अंजान है कि वे लोगों को गलत सलाह दे रहे हैं किसी लालच में।
पंडित विष्णु शर्मा ने आज सेक्टर 46 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये बात कही। वे कई प्रमुख डिग्रीयां प्राप्त कर चुके हैं जिनमेंज्योतिष शास्त्राचार्चज्योतिष ऋषिसमुद्रिक शास्त्र रत्नलाल किताब रत्नवास्तु पिरामिड वास्तु शामिल हैं और उन्हें ऑल इंडिया फैडरेशनऑफ एस्ट्रोलॉजर्स सोसायटीज की आजीवन सदस्यता से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई यूरोपियन और एशियाई देशों में ज्योतिषऔर वास्तु पर कई कार्यशालाओं का आयोजन भी किया है।
पंडित विष्णु ने कहाबाजार में पीला नीलम के नाम से काफी महंगा भी बेचा जा रहा है। खरीदने वाले अंजान है और इसे काफी महंगा खरीद करअपने साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
आप सभी को इस बात की जानकारी होना बहुत ही जरूरी है कि एक मां के अपने जन्मे दो बच्चों के रंग में बदलाव होने से उन बच्चों के पिताअलग नहीं हो सकते। मानों एक बच्चे का रंग उनके पिता अलग नहीं हो सकते हैं। मान लो एक बच्चे का रंग उसके पिता के जैसा है  दूसरे कारंग उसके चाचा या ताऊ के जैसा है तो हम यह नहीं कहेंगे कि जिसका रंग पिता जैसा नहीं हैवो उस इंसान का बच्चा नहीं है।
क्योंकि दोनों की मां  पिता एक ही कहलाएंगेरंग बदलने से माता या पिता अलग नहीं कहला सकते तो फिर सभी को ये बात अच्छी तरह सेसमूझ लेनी चाहिए कि सैफायर नीला होने पर नीलम है तो वहीं पीला होने पर पुखराज नहीं हो सकता है।
वास्तव में सभी गंथों में एवं रत्नों की किताबों में पुखराज को टोपॉज कहा गया है। इसके सभी लैब रिजल्ट भी सफायर से भिन्न होते हैं। अंत आपसभी को पुखराज खरीदते समय ये विशेष ध्यान रखने की जरूरत होगी कि आप असली पुखराज (टोपॉजही खरीदें।
शनि देव को एक सख्त ग्रह का भम्र दूर करते हुए पंडित विष्णु ने स्पष्ट किया है कि तथ्य ये है कि शनि देव दरअसल लोगों के शुभचिंतक हैं परज्योतियों ने लगातार उनका भय दिखाया हैजिससे लोगों की जिंदगी मुश्किल हो जाती है और वे शनि को एक दुष्ट ग्रह के तौर पर देखने लगतेहैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल कोई भी ग्रह बुरा नहीं है और वे किसी को बीमार नहीं करते हैंअगर हम उनका सम्मान करते हैं तो वे उसी के अनुसारफल देते हैं। परिवार में सभी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध और सभी का सम्मान करेंआपकी जिंदगी खुशियों से भरपूर रहेगी।
उदाहरण के लिए जब आप अपने पिता की सेवा करेंगे तो सूर्य देव आपसे प्रसन्न होंगे। वहीं अगर आप अपनी मां की सेवा करते हैं तो चंद्र ग्रहआपसे खुश होंगे। वहीं अपने भाई-बहनों से संबंध अच्छे बनाए रखेंगे तो आप मंगल और बुद्ध को भी प्रसन्न रखने में सफल होंगे।
वृहस्पति जिन्हें देव गुरु भी कहा जाता हैउस व्यक्ति पर प्रसन्न होंगे जो कि अपने बड़े-बुजुर्गों की सेवा करता है। अपने जीवनसाथी को खुशरखने से शुक्र देव खुश होंगे और आपकी जिंदगी में पैसे और रोमांस की कोई कमी नहीं रहेगी।
राहु ग्रहछाया ग्रह और वायु ग्रहकानून का प्रतिनिधि करते हैं और उन्हें खुश रखना चाहिए। केतु ग्रह भी छाया ग्रह होता है और ये दादा-दादीका प्रतिनिधित्व करता है। संभव हो तो घर में कुत्ता रखना चाहिए और उसके साथ साथ अवारा कुत्तों का भी ख्याल रखना चाहिए।

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