दस साल तक देंगे अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को अपने स्तर पर छात्रवृति 

चंडीगढ़, 12 अप्रैल- गांव के समग्र विकास को लेकर प्रदेश सरकार की स्वप्रेरित योजना का आमजन के मनोपटल पर असर साफ तौर पर दिखाई देने लगा है। जिला भिवानी के तोशाम क्षेत्र के गांव ढ़ाणी मिराण निवासी अनिल कुमार बेरवाल व जसंवत सिंह ने अपने गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में अपने पिता की याद में उनके नाम से ‘चौधरी इंद्राज सिंह स्मृति प्रतिभा सम्मान छात्रवृत्ति योजना’ की शुरूआत की है, जो कि शुरुआत में दस साल तक दी जाएगी। उन्होंने स्कूल में अध्यापकों की कमी को देखते हुए अस्थाई अध्यापकों की व्यवस्था करने के लिए 51 हजार रुपए का अनुदान दिया है तथा स्कूल में स्वच्छ पेयजल हेतू आरओ भी लगवाया है। स्कूल प्रांगण में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपनी तरफ से छात्रवृति प्रदान की। 
उल्लेखनीय है कि गांवों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने व विकास कार्यों में अपना योगदान देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल ने उद्योगपतियों व समृद्ध एवं साधन-संपन्न नागरिकों से अपने संबंधित गांवों को गोद लेने या वहां पर विकास कार्यों में अपना योगदान देने की अपील की थी। मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस अपील के प्रदेश में बड़े  ही सकारात्मक परिणाम सामने आए, जिसके तहत अनेक उद्योगपतियों व समृद्ध नागरिकों ने अपने मूल गांवों को गोद लिया और या फिर वहां पर किसी न किसी रूप में विकास कार्यांे में अपना योगदान देना शुरु किया। इसी कड़ी में क्षेत्र के गांव ढ़ाणी मिराण निवासी अनिल बेरवाल व जसवंत ने अपने कदम बढ़ाए हैं। अनिल दिल्ली पुलिस में निरीक्षक के पद पर कार्यरत है और जसवंत सिंह अपना व्यवसाय करता है तथा दोनों भाई कई सालों से दिल्ली में ही रहते हैं। बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने का दोनों भाईयों का शुरू से ही रूझान रहा है। उन्होंंने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए अपने गांव के सरकारी स्कूल में प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने स्वर्गीय पिता इंद्राज सिंह की स्मृति में ‘चौधरी इंद्राज सिंह स्मृति प्रतिभा सम्मान छात्रवृत्ति योजना’ शुरू करने का निर्णय लिया। यह छात्रवृत्ति योजना आरंभ में 10 साल के लिए शुरू की गई है, जिसमें पांचवी से आठवीं कक्षा तक प्रथम स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: 2100 रुपए, 3100 रुपए, 4100 रुपए तथा 5100 रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। स्कूल में आयेाजित कार्यक्रम में वर्ष 2016-17 के लिए इस बार यह छात्रवृत्ति उनकी माता जी श्रीमती अंची देवी के हाथों से पांचवी कक्षा की छात्रा मनीषा, छठी कक्षा के छात्र मोनू, सातवीं कक्षा की छात्रा तनीषा तथा आठवीं कक्षा की पुष्पा रानी को दी गई है। कार्यक्रम के दौरान अनिल ने कहा कि शिक्षकों के बिना पढ़ाई की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। बच्चे शिक्षा ग्रहण करने से महरूम न रहें, इसी के चलते उन्होंने स्कूल में वैकल्पिक रूप से शिक्षकों की व्यवस्था करवाने का निर्णय लिया है। वे चाहते हैं कि स्कूल में बच्चों को आरओ का स्वच्छ पेयजल मिले और बच्चों को शिक्षकों की कमी महसूस न हो। उन्होंने बच्चों से कड़ी मेहनत करके अपना लक्ष्य हासिल करने को कहा। बच्चों को संबोधित करते हुए स्कूल के मुख्याध्यापक आर्य संजय सहारण ने कहा कि बेरवाल परिवार का यह कदम तारीफ के काबिल है। शिक्षकों की कमी को देखते हुए इससे पहले ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके पहले भी शिक्षकों की नियुक्ति की थी, लेकिन बेरवाल परिवार की मदद से स्कूल को और अधिक राहत मिली है। जब तक सरकार द्वारा स्थायी रूप से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है, तब तक  अस्थायी रूप के शिक्षकोंं से काम चलाया जाएगा, लेकिन बच्चों को शिक्षकों की कमी नहीं खलने दी जाएगी। 

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