डिजिटल युग में प्रभावी संचार पर एक सप्ताह का एफडीपी(FDP) संपन्न


 पंजाब विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र (एच.आर.डी.सी.) की ओर से शिक्षकों के लिए आयोजित एक सप्ताह का ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम (Faculty Development Program - FDP) आज संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय "डिजिटल युग में प्रभावी संचार" था। इस कार्यक्रम में 8 राज्यों के 21 विषयों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए एच.आर.डी.सी. के मानद निदेशक प्रो. एस. के तोमर ने कहा कि आज का युग बदलाव का युग है और इसमें हमें शिक्षा के क्षेत्र में भी नए प्रयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ प्रभावी संवाद बनाने के लिए न सिर्फ डिजिटल माध्यमों का उपयोग जरूरी है बल्कि डिजिटल माध्यमों में शिक्षकों को दक्षता भी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम से इस दिशा में प्रतिभागियों को सहायता मिली होगी। 


समापन सत्र की मुख्य वक्ता व शिक्षा विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर नंदिता सिंह ने "डिजिटल संचार, मल्टीटास्किंग और ध्यान" विषय पर बोलते हुए कहा कि डिजिटल युग में एकाग्रता बनाना बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस संदर्भ में योग और अध्यात्म की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। 


इस कार्यक्रम की समन्वयक व जन संचार अध्ययन स्कूल की सहायक प्रोफेसर डॉ. भवनीत भट्टी ने सात दिनों के कार्यक्रम की  रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ डिजिटल माध्यमों से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया बल्कि स्वास्थ्य, कानून, साहित्य आदि विषयों के विशेषज्ञों को भी विशेष रूप से निमंत्रित किया गया। इनमें श्री बालेंदु शर्मा दाधीच (निदेशक माइक्रोसॉफ्ट),  सुश्री पूर्वा ग्रोवर (दुबई), डॉ. धनंजय चोपड़ा (इलाहाबाद), प्रो. अनुभूति यादव (आईआईएमसी),  प्रो. संजीव भानावत (राजस्थान विश्वविद्यालय) श्री विवेक अत्रे (पूर्व आईएएस), प्रो. मनीष वर्मा ( एमिटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव), प्रो. अरुण सेल्वन (इग्नू, नई दिल्ली), प्रो. कंचन मलिक (हैदराबाद विश्विद्यालय), श्री मुकेश खरबंदा (फ्यूजन पीआर प्राईवेट लिमिटेड), प्रो. रमेश शर्मा, पीजीआआई, चंडीगढ़ से डॉ. कपिल गोयल एवं डॉ. अखिलेश और पंजाब विश्वविद्यालय से प्रो. दीप्ति गुप्ता, डॉ. टी.पी. सिंह, प्रो. देवेंद्र सिंह शामिल थे। 


एच.आर.डी.सी की उपनिदेशक डॉ. जयंती दत्ता ने कार्यक्रम को सफलता से पूर्ण करने पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी वो पंजाब विश्वविद्यालय के एच.आर.डी.सी. के साथ सहयोग बनाए रखेंगी।


 

Post a Comment

أحدث أقدم