जस्टिस नारंग कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर पिछले 15 सालों से नाजायज माइनिंग कारोबार की जांच की मांग की

चंडीगड़, 24 अक्तूबर 2017 
पंजाब सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की माइनिंग की बोलियों में हिस्सेदारी की जांच करने के लिए बनाऐ गए जस्टिस जेएस नारंग कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह बात साफ कर दी है कि जांच में शामिल दो खड्ढों की रकम बोलीकारों की बजाए उसके पीछे शामिल अन्य व्यक्तियों ने कानून के उलट जमा करवाई थी। अब इस रिपोर्ट के आधार पर बाकी खड्ढों की नीलामी की भी जांच होनी चाहिए कि उन्होंने खड्ढों की बोली की रकम बोलीकारों की तरफ से खुद जमा करवाई गई है या उन बोलीकारों के पीछे भी रकम जमा करवाने वाले अन्य व्यक्ति शामिल हैं। 
जारी एक पै्रस नोट में यह मांग करते आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने बताया कि तिथि 19 मई 2017 को जिन 89 खड्ढों की बोली हुई थी, उनमें से सिर्फ 23 खड्ढे ही ऐसे थे जिनके बोलीकार जायज तरीके से काम करके अपने पैसे पूरे कर सकते हैं। जबकि बाकी 66 खड्ढों के बोलीकारों को अपने पैसे पूरे करने के लिए करोड़ों रुपए की नाजायज माइनिंग करनी पड़ेगी। इसी तरह ही 5 जुलाई 2017 को जिन 43 खड्ढों की बोली हुई थी, उनमें से सिर्फ 10 खड्ढे ही ऐसे थे जिनके बोलीकार जायज तरीके से माइनिंग करके अपने पैसे पूरे कर सकते हैं। जबकि बाकी 33 बोलीकारों को अपने पैसे पूरे करने के लिए करोड़ों रुपए की नाजायज माइनिंग ही करनी पड़ेगी। यदि उपरोक्त खड्ढों के ठेकेदार नाजायज माइनिंग नहीं करते तो उनमें से हर बोलीकार को थोड़ा नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का घाटा सहना पड़ेगा। यदि उपरोक्त दोनों बोलियों के बोलीकारों को अपनी कमी पूरी करने के लिए या लाभ कमाने के लिए की जाने वाली नाजायज माइनिंग की गिणती की जाए तो यह वार्षिक 1 हजार करोड़ से भी ज़्यादा बनती है। 
पिछली अकाली-भाजपा सरकार में भी इसी तरीके से नाजायज माइनिंग के कारोबार में बोलीकारों के पीछे अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की तरफ से पैसा लगा कर इस काले धन की उपज को अंजाम दिया गया था। अब जब जस्टिस नारंग की रिपोर्ट में यह तय हो गया है कि करोड़ों के घाटे वाली बोलियों में पर्दे के पीछे गैर कानूनी तरीके से अन्य लोग पैसा लगाते हैं तो यह जांच बाकी खड्ढों की हुई बोली की भी होनी चाहिए। पंजाब सरकार को अब हुई बोली और पिछली अकाली-भाजपा सरकार में भी इसी तरीके से नाजायज माइनिंग धंधे से काले धन की उपज की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवानी चाहिए। जिस काले धन की उपज के सभी सबूत मौजूद हैं। यह जांच जहां एक तरफ काले धन की पैदावार के साथ जुड़ी है वहीं ही दूसरी तरफ इसका सम्बन्ध वातावरण के गंभीर विषय के साथ भी है। 

Post a Comment

Previous Post Next Post